रांची:
निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल प्रकरण में ईडी साहिबगंज के जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार को 2 बार समन जारी कर चुकी है लेकिन वे पेश नहीं हुए। पहले तो डीएमओ विभूति कुमार ने बेटी की शादी का हवाला देकर वक्त मांग लिया और जब इसकी मियाद पूरी हो गई तो 15 दिन का और वक्त मांगा है।
इस बीच शुक्रवार को ईडी की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने ईडी से पूछा था कि यदि डीएमओ समन जारी किए जाने पर पेश नहीं हो रहे तो क्या दूसरा विकल्प नहीं है।
साहिबगंज डीएमओ के पास होंगे कई जवाब
दरअसल, ईडी का मानना है कि साहिबगंज के डीएमओ से पूछताछ में झारखंड में अवैध खनन कारोबार और इससे जुड़े नौकरशाहों तथा सफेदपोशों के बारे में कई अहम जानकारियां मिल सकती है।
खनन पट्टा लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमतं सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का नाम सामने आने के बाद साहिबगंज के जिला खनन पदाधिकारी से पूछताछ बहुत जरूरी हो गया है। हालांकि, सवाल यही है कि आखिर विभूति कुमार ईडी का सामना करने से क्यों बच रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस शादी का हवाला देकर उन्होंने ईडी से वक्त मांगा था वो निपट चुकी है।
पूजा सिंघल का सामना नहीं करना चाहते विभूति
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार ईडी दफ्तर में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल का सामना नहीं करना चाहते।
मिल रही जानकारी के मुताबिक विभूति कुमार नहीं चाहते कि ईडी दफ्तर में उनका सामना पूजा सिंघल से हो। दरअसल, विभूति कुमार इस जुगाड़ में लगे हैं कि जब पूजा सिंघल की रिमांड की अवधि खत्म हो जाये तो वो ईडी की सामने पेश हों। हालांकि, प्रावधान है कि यदि 3 समन के बाद कोई शख्स ईडी के समक्ष पेश नहीं होता तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। संभव है कि ईडी साहिबगंज में दबिश दे सकती है।
पंकज मिश्रा को लेकर भी खुल सकते हैं कई राज
गौरतलब है कि पूजा सिंघल से पूछताछ तथा दस्तावेजों की पड़ताल में 3 जिलों के खनन पदाधिकारियों का नाम सामने आया था। इनमें से पाकुड़ और दुमका के डीएमओ ईडी के सामने पेश हो चुके हैं।
इनसे पूछताछ में ईडी के सामने पंकज मिश्रा का नाम आया था। बताया जाता है कि पूछताछ में अधिकारियों ने कहा कि पूरे संताल परगना में अवैध खनन का मुख्य सूत्रधार पंकज मिश्रा ही है।
चूंकि, पंकज मिश्रा साहिबगंज में ही रहता है। ऐसे में साहिबगंज डीएमओ से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिल सकती है। ईडी की कार्रवाई मनरेगा घोटाला के तहत छापेमारी से लेकर अवैध खनन तक जा पहुंची है।