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दीपिका पांडेय के एक शब्द पर सदन में मचा बवाल, बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर किया हंगामा 

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द फॉलोअप डेस्कः 
झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई सबसे पहले JMM विधायक स्टीफ़न मरांडी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया साथ ही बताया कि किस तरह हेमंत सोरेन कि सरकार ने अबुआ आवास योजना, सर्वजन पेंशन योजना सहित सभी कामों को गिनाया। उसके बाद कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय को बोलने का मौक़ा मिला। दीपिका पांडेय ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर निशना साधते हुए कहा कि भाजपा को सदन में मौजूद विधायक नहीं बल्कि कॉर्पोरेट दलाल निशिकांत दुबे चला रहे हैं। उसके बाद दीपिका पांडेय की जुबान नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी के उस बयान बोलते हुए फिसल गई जिसमें अमर बाउरी ने कहा था कि हेमंत सोरेन आदिवासी नेता ज़रूर हैं लेकिन आदिवासियों के नेता नहीं हैं। 


सभी दलितों के नेता नहीं हो सकते अमर बाउरी 
दीपिका पांडेय ने कहा कि अमर बाउरी जैसा बोल रहे हैं उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब देते हुए कहना चाहूँगी कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी आदिवासी ज़रूर हैं लेकिन आदिवासियों के नेता नहीं हो सकते। ठीक उसी तरह अमर बाउरी दलित तो हैं लेकिन दलितों के नेता नहीं हो सकते। इसी दौरान दीपिका पांडेय ने कहा कि पूरे देश में  दलितों के कपड़े को उतार कर उनके ………. को लाल कर दिया जा रहा है लेकिन इनके मुंह से एक शब्द तक नहीं बोला जाता। उसके बाद सभी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के आदेश पर दीपिका पांडेय के उस असंसदीय शब्द को स्पंज कर दिया गया जिस पर बवाल मचा था।