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राष्ट्र का नागरिक जीवन उस सभ्यता की पहचान हैं- आलोक कुमार

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (उत्तर पूर्व क्षेत्र) के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) झारखंड प्रान्त के संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) एवं घोष वर्ग का समापन समारोह 26 जून, 2024 को सरस्वती विद्या मंदिर जनवृत 3सी बोकारो में आयोजित किया गया। समारोह में संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार मुख्य वक्ता और भारत सेवा आश्रम संघ के सचिव स्वामी भूतेशानंद महाराज मुख्य अतिथि थे। मंच पर मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता के साथ क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, स्र्वाधिकारी राजकुमार सिन्हा और सुरेन्द्र प्रताप सिंह तथा बोकारो महानगर संघचालक रंजीत वर्णवाल उपस्थित थे।

मुख्य वक्ता ने सुनाई महात्मा बुद्ध की जातक कथा
मुख्य वक्ता आलोक कुमार ने कहा कि जिन्होंने अपने लोगों को सत्कार और स्वीकार नहीं किया उसे कोई भी सम्मान नहीं देता। इस संदर्भ में महात्मा बुद्ध की जातक कथा की एक कहानी शिक्षार्थियों के बीच रखी। हमें अपने विचार अपने समाज पर गर्व है स्वाभिमान है तो दुनिया भी हमे सम्मान देगी। आज पूरे देश में हिंदुत्व का सम्मान है और विश्व में हिंदू संस्कृति और विचार का प्रभाव भी लोगों के जिज्ञासा का केंद्र बना है। आज़ादी के पूर्व और आज़ादी के बाद संघ के स्वयंसेवकों ने समाज स्वीकृत अनेक यशस्वी कार्य किए। देश की एकता और अखंडता की बात पर संघ ने हमेशा देशानुकूल सेवा की है। नक्सल हो या धारा 370 ऐसे देशघातक व्यवस्था के विरुद्ध में हमेशा संघ आगे रहा और इस दिशा में अपना हिंदू समाज सफल भी हुआ।

स्वयंसेवकों के लिए जीवन में पंच परिवर्तन जरूरी
उन्होंने शिक्षार्थियों का आह्वान किया कि स्वयंसेवकों को समाज जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, नागरिक कर्तव्य पालन, कुटुंब प्रवोधन एवं स्वदेशी को अपना कर ही इस प्रशिक्षण का लाभ स्वयं और समाज को दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को समाज के लिए सहज सेवा भाव रखना चाहिए। अपने भाव में परिवार का भाव बढ़े बढ़ती परिवार विच्छेदन से अपने समाज को बचाना उनका प्रबोधन हो ऐसा प्रयास हो। किसी भी राष्ट्र की पहचान वहां के नागरिकों के नागरिक कर्तव्य पर उनकी सभ्यता और संस्कृति को विश्व में सम्मानित करता है। नागरिक कर्तव्य और बढ़े इस दिशा में अपना प्रयास भी बढ़े।

उन्होंने शिक्षार्थियों से सकारात्मक, सजग एवं सक्रिय समाज के निर्माण के लिए इस प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया.संघ अगला वर्ष अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा किंतु वह नया कुछ भी नहीं बल्कि अभी जो देश भर में 68हजार शाखाएं उसे पुष्ट करना और बढ़ाना है।

जब तक हम सीखते हैं, हम विद्यार्थी रहते हैं
मुख्य अतिथि स्वामी भूतेशानंद ने कहा कि -"जिस समय डाक्टर हेडगेवार भारत के पश्चिम में हिंदुओ के संगठन के लिए संघ की स्थापना कर रहे थे, उसी समय बंगाल में स्वामी प्राणवानंद जी महाराज भारत सेवा आश्रम की स्थापना कर हिंदू हितों की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा मैं 1984 से संघ के संपर्क में रहा हूं। जब तक हम सीखते हैं विद्यार्थी हैं। इस निमित अपनी यह ध्येय बना रहे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक उत्तर पूर्व क्षेत्र के संघचालक देवव्रत पाहन, कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम वर्ष के सर्वाधिकारी राजकुमार सिन्हा, संघ शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी सुरेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे. संघ का ध्येय भारत को परम वैभव पर ले जाना है. इस कार्य को करने की दृष्टि से सुयोग्य कार्यकर्ताओं के निर्माण हेतु संघ शिक्षा वर्गों का आयोजन किया जाता है। 

कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम वर्ष में 120 शिक्षार्थी
कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम वर्ष में कुल 120 शिक्षार्थी थे। इनमें विद्यार्थी, कर्मचारी एवं व्यवसायी शिक्षार्थी थे। वहीं संघ शिक्षा वर्ग में 18 से 40 वर्ष की आयु के कुल शिक्षार्थियों ने भाग लिया। दिन तक चले वर्ग में शिक्षार्थियों को विभिन्न प्रकार के औपचारिक प्रशिक्षण दिए गए। शारीरिक रूप से सुदृढ़ बनाने हेतु प्रतिदिन सुबह शाम शारीरिक प्रशिक्षण हुआ। मानसिक एवं वैचारिक स्पष्टता हेतु प्रशिक्षण दिया गया। जीवन के प्रत्येक सेकंड का सदुपयोग एवं प्रत्येक वस्तु संसाधन का समुचित उपयोग का अभ्यास व्यवस्था विभाग के अंतर्गत दिया गया। 
 

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