द फॉलोअप डेस्क
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, रांची महानगर में श्री विजयादशमी उत्सव का आयोजन किया गया। यह उत्सव संघ की स्थापना के 19वें वर्ष के अवसर पर मनाया गया। इसकी शुरुआत 1925 में डा. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। इस अवसर पर, 1000 से अधिक स्वयंसेवकों ने 5 किमी के पथ संचलन में भाग लिया, जो शास्त्री मैदान से शुरू होकर ऑक्सफोर्ड स्कूल, बहुबजार चौक, श्रीराम मंदिर, और शिशु मंदिर होते हुए शास्त्री मैदान में संपन्न हुआ। पथ के संचलन के मार्ग में विभिन्न स्थानो पर लोगों द्वारा फूल बरसा कर पथ संचलन में लगे स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों की उपस्थिति 500 से अधिक रही, जिसमें मातृशक्ति की उपस्थिति विशेष रूप से प्रेरणादायक रही।
मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) रमन कुमार झा, कुलपति, इक्फ़ाई विश्वविद्यालय ने संघ की अनुशासनप्रियता की तारीफ की और कहा कि ऐसी अनुशासनप्रियता उन्होंने अपने सैनिक स्कूल के बाद आज इस कार्यक्रम में देखी। मुखवक्ता गोपाल, झारखंड प्रांत के प्रांत प्रचारक ने कहा कि संघ पर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, संघ के स्वयंसेवकों ने दुगनी गति से राष्ट्र कार्य और राष्ट्र जागरण में काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि संघ के प्रयासों का परिणाम धारा 370 के रूप में जम्मू-कश्मीर में देखा जा सकता है, जहां संघ ने 1960 के दशक में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र बनाया था। पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने के प्रयासों के बावजूद, संघ के प्रचारकों के मेहनत से वहां की स्थिति बदली है।
उन्होंने 4 प्राण पर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें शामिल हैं:
- पर्यावरण: पर्यावरण संरक्षण।
- कुटुंब प्रबोधन (परिवार प्रबोधन)
- नागरिक कर्तव्य
- सामाजिक समरसता
- स्व-बोध (स्वदेशी)
उन्होंने कहा कि आज के दिन हम शस्त्र की पूजन का शक्ति की उपासना करते हैं ताकि सज्जन शक्तियों को जागृत कर समाज में बदलाव लाया जा सके। लेकिन हमें शस्त्र के शास्त्र पर भी ध्यान देना होगा, हमें बल के साथ विवेक पूर्ण ज्ञान भी चाहिए। इस कार्यक्रम में देव व्रत पाहन( क्षेत्र संघचालक), सह प्रांत कार्यवाह धनंजय सिंह, विभाग संघचालक विवेक भासीन, महानगर संघचालक पवन मंत्री सहित संघ एवं अनुसांगिक संगठनों के अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।