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झारखंड : मिलिए रांची की पैड वूमेन वंदना से, जिन्होंने 1 लाख से ज्यादा महिलाओं को दिया रोजगार

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रांचीः
देशभर में महिलाओं को पीरियड्स के बारे में जागरूक करने के लिए फिल्में तो बहुत बनी लेकिन इन फिल्मों का उतना कुछ खास असर नहीं हुआ। अभी भी भारत में कई ऐसे गांव है जहां महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी कई बातें नहीं पता है। इस कारण से अभी भी उन्हें पीरियड्स की कई समस्याओं से जुझना पड़ता है। पीरियड्स के समय कपड़ा इस्तेमाल करने से औरतों को बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म पैडमैन के जरिए महिलाओं द्वारा पीरियड्स के दौरान की जाने वाली अनदेखी पर एक मैसेज दिया था। जिसे देशभर के लोगों ने खूब पसंद किया था। ये तो थी फिल्मों की बात लेकिन आज हम आपको झारखंड की पैड वूमेन के बारे में बताने जा रहे है। जिन्होंने अपनी फाउंडेशन के द्वारा ना केवल महिलाओं को रोजगार दिया है बल्कि पीरियड्स के बारे में जागरूक भी किया है।
माही केयर फाउंडेशन क्या है
रांची में स्थित माही केयर फाउंडेशन महिलाओं द्वारा पीरियड्स में यूज होने वाले सैनिटरी पैड बनाती है। आपको बता दें कि काफी कम समय में इस फाउंडेशन से जुड़ कर करिब 1 लाख 20 हजार महिलाओं को रोजगार मिला है। माही केयर फाउंडेशन स्‍वस्‍थ बीटिया, स्‍वस्‍थ भारत नारों के साथ अभियान चलाकर काम कर रही है। इस से जुड़ी महिला कार्यकार्ता रांची शहर के अलावा छोटे-छोटे गांव में भी जा कर महिलाओं को सैनिटरी पैड इस्तेमाल करने को जागरूक करती है और साथ ही पीरियड्स के वक्त कपड़ा इस्तेमाल करने पर होने वाले खतरों से भी अगाह करती है।

इससे जुड़ी महिलाओं का कहना है कि इस फाउंडेशन के साथ जुड़ने के बाद उन्हें रोजगार का साधन मिल गया है। अब वो किसी की मोहताज नहीं रहीं। वो खुद ही अपना खर्चा निकाल लेती है। साथ ही उन्होंने बताया कि इन पैसों से वो अपने बच्चों की पढाई का खर्च भी उठा लेती है।


2019 में हुई थी शुरुआत 
पैड वूमेन कहलाने वाली वंदना का कहना है कि वर्ष 2019 में उन्होंने इसकी शुरुआत की थी। उस वक्त उनके साथ काम करने के ले सिर्फ 3 औरतें थी लेकिन धीरे-धीरे अब उनके साथ करीब 1 लाख 20 हजार औरतें जुड़ चुकी है। उन्होंने बताया कि उन्हे बेहद खुशी होती है जब वो इस बारे में सोचती है कि उन्होंने अपने अलावा कितनी महिलाओं को जीवन में आगे बड़ने का मौका दिया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।