द फॉलोअप डेस्कः
पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में अभियोजन गवाह का क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए आरोपी पूर्व मंत्री राजा पीटर को एनआईए कोर्ट ने इजाजत दे दी है। राजा पीटर ने कोर्ट में आवेदन देकर दो अभियोजन गवाह का क्रॉस एग्जामिन करने का आग्रह किया था। मामले में केस के आईओ का क्रॉस एग्जामिनेशन नहीं हो पाया है. इस मामले में एनआईए ने 89 गवाहों का बयान दर्ज कराया है।
बता दें कि झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या बुंडू के एसएस हाईस्कूल कैंपस में 9 जुलाई 2008 को उस वक्त कर दी गई थी, जब वे वहां स्कूल के छात्रों को सम्मानित करने और पुरस्कार देने के बाद संबोधित कर रहे थे। उसी समय कुख्यात माओवादी नक्सली कुंदन पाहन दस्ते के नक्सलियों ने स्कूल में आकर फायरिंग शुरू कर दी। इसमें रमेश सिंह मुंडा, उनके दो सरकारी बॉडीगार्ड शिवनाथ मिंज और खुर्शीद आलम सहित एक छात्र रामधन पातर की मौत हो गयी थी।
रमेश सिंह मुंडा झारखंड के कद्दावर आदिवासी नेता थे और बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में भी मंत्री रह चुके थे। रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद तमाड़ क्षेत्र में उपचुनाव हुआ। राजा पीटर उपचुनाव जीतकर विधायक और झारखंड सरकार में मंत्री भी बने। इसी बीच रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ली। हत्याकांड की पूरी साजिश का खुलासा तब हुआ था जब 27 मई 2017 को नक्सली कुंदन पाहन ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था। पूछताछ के दौरान कुंदन पाहन ने एनआईए को इस हत्याकांड की जानकारी दी थी।
करीब नौ साल बाद राजा पीटर को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया. एनआईए ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसके मुताबिक रमेश सिंह मुंडा की हत्या के लिए पूर्व मंत्री राजा पीटर ने कुख्यात नक्सली कमांडर कुंदन पाहन को पांच करोड़ रुपए की सुपारी दी थी. तीन करोड़ रुपए का भुगतान पहले ही कर दिया गया था। शेष दो करोड़ रुपए हत्या के बाद दिए गए थे।