द फॉलोअप डेस्क, रांची:
बीजेपी के राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय से राज्य सभा में अपने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से झारखंड़ में प्रधानमंत्री आवास निर्माण की अनुमानित संख्या की जानकारी मांगी। उन्होंने जानना चाहा कि कितने आवास पूर्ण हुए, कितने निर्माणाधीन है और इसके पूर्ण होने में देरी के कारणों से संबंधित जानकारी मांगी। दीपक प्रकाश के सवालों का जबाब देते हुए आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने बताया कि पीएमएवाई-यू एक मांग आधारित योजना है और भारत सरकार ने आवासों के निर्माण के लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया है।
4 दिसंबर 2023 तक कितने आवास मिले
केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि 4 दिसंबर 2023 तक, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर पीएमएवाई यू के तहत 118.63 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 113.43 लाख आवासों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जिनमें से 78.27 लाख पूर्ण हो चुके हैं/लाभार्थियों को सुपुर्द कर दिए गए हैं। पिछले 3 वर्षों में प्रत्येक वर्ष के दौरान देश और झारखंड राज्य में पीएमएवाई-यू के तहत स्वीकृत आवासों की संख्या 2,29,156,पीएमएवाई-यू की निर्माणाधीन आवासों की संख्या 2,13262 और पूर्ण किए गए आवासों की कुल संख्या 1,33,429 है। अभी भी झारखंड़ में 95,894 आवास पूर्ण नही हुए हैं।
परियोजनाओं को पूरा करने की तिथि अलग-अलग
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने परियोजनाओं को पूरा करने में होने वाली देरी का जबाब देते हुए बताया कि परियोजनाओं को पूरा करने की समय-सीमा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है और आम तौर पर योजना के विभिन्न घटकों में और संबंधित परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार 12-36 महीने लगते हैं। योजना की अवधि, जो पूर्व में 31.03.2022 तक थी, योजना के क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) को छोड़कर, फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति में बिना बदलाव किए, स्वीकृत सभी आवासों को पूरा करने के लिए, 31.12.2024 तक बढ़ा दी गई है।