द फॉलोअप डेस्क, रांची
ललित मोदी, नीरव मोदी, विजय माल्या, जतिन मेहता, मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े मोदी सरकार के निगरानी में जनता का पैसे लेकर विदेश पहुंच गए, भाजपा ने उन्हें आजाद कर दिया, पर झूठ की चाले चलकर एक राजनीतिक साजिश के तहत राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा कर संसद से निलंबित कर दिया। एकजुटता संकल्प मार्च को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने ये बातें कही. उन्होंने कहा कि अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों का सवाल न उठें, देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठे, महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं की हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान का सवाल न उठाया जाए, सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडा अपना रही है. दरअसल मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद राहुल गांधी को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में शुक्रवार सुनवाई हुई. जहां राहुल गांधी द्वारा दायर पुनर्विचार यचिका को खारिज कर दिया गया. जिसे लेकर झारखंड कांग्रेस द्वारा एकजुटता संकल्प रैली निकाली गई.
याचिका खारिज होने पर कांग्रेस कोटे से विधायक मंत्रियों ने केंद्र सरकार को अहंकारी बताय
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अहंकारी सत्ता जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकानें के लिए साम, दाम, दंड भेद सभी हथकंडा अपना रही है। लेकिन सत्य पराजित नहीं हो सकता। वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि जनता की ताकत के आगे न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का पर्दा। राहुल गांधी अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है। वहीं मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि तमाम हमले वो अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देश प्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को राहुल जी उठाने से पीछे नहीं हटे। जनता के दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं। कृषि मंत्री बादल ने कहा कि सत्य की जीत होगी, जनता की आवाज जीतेगी, देश अब मोदी जी की भ्रष्टाचार पर दोहरी नीति से अवगत हो चुकी है। विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता इस राजनीति साजिश से न डरेगा और न डरता है। हम राजनीति और कानूनी लड़ाई दोनों लड़ेंगे।
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दिया था मोदी सरनेम पर विवादित बयान
बता दें 2019 लोकसभा से पहले उन्होंने मोदी सरनेम पर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद सूरत में विधायक पूर्णेश मोदी नामक एक व्यक्ति ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करारा देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले से राहुल गांधी की सांसद की सदस्य्ता चली गई थी. फैसले को पर उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
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