द फॉलोअप डेस्क
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर शनिवार को एक बार फिर हमला बोलते हुए कहा कि मिस इंडिया ब्यूटी कॉन्टेस्ट में कोई भी दलित, आदिवासी या ओबीसी महिला शामिल नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मैंने मिस इंडिया की लिस्ट देखी कि इसमें कोई दलित या आदिवासी महिला होगी, लेकिन उसमें दलित, आदिवासी या ओबीसी की कोई महिला नहीं थी। मीडिया डांस, म्यूजिक, क्रिकेट, बॉलीवुड के बारे में बात करता है, लेकिन किसानों और मजदूरों के बारे में बात नहीं करता है।
राहुल गांधी ने देशाव्यापी जाति जनगणना की मांग को दोहराया और कहा कि यह सिर्फ एक जनगणना नहीं है, ब्लकि यह एक प्रभावी नीति निर्माण के लिए आधार का काम करेगी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 'संविधान सम्मान सम्मेलन' को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 90 फीसदी लोगों के पास स्किल और टैलेंट होने के बावजूद वे सिस्टम से जुड़े नहीं है।
आगे उन्होंने कहा, "बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि जाति जनगणना के बाद ओबीसी वर्ग बनाया जाएगा। हम विभिन्न समुदायों की लिस्ट चाहते हैं। हमारे लिए जाति जनगणना सिर्फ जनगणना नहीं है, यह नीति निर्धारण का आधार है। सिर्फ जाति जनगणना करना ही काफी नहीं है, यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि धन का वितरण कैसे हो रहा है।" साथ ही उन्होंने कहा कि यह पता लगाना भी महत्वपूर्ण है कि ब्यूरोक्रेसी, ज्यूडिशयरी और मीडिया में ओबीसी, दलितों और मजदूरों की कितनी भागीदारी है?
बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो वह जातियों, उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए देश भर में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराएगी।