द फॉलोअप डेस्कः
एचईसी के लोग दलित पिछड़े और आदिवासी है। इसका निजीकरण हो रहा है। निजीकरण का मतलब ओबीसी दलित और ओबीसी को बेरोजगार बनाना है। ये बातें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज शहीद मैदान में सभा को संबोधित करनेत हुए कहीं। उन्होंने कहा ये निजीकरण नहीं बल्कि दलित आदिवासी पिछड़ा और अल्पसंख्यक से चोरी है। अदाणी की कंपनी की लिस्ट निकालिए। मैनेजमेंट की टीम देखिए। एक पिछड़ा नहीं मिलेगा। कोई आदिवासी नहीं मिलेगा। किसी एक व्यक्ति को पूरी पूंजी पकड़ाई जा रही है। सड़क, बिजली पुल, एनर्जी सब अदानी को सौंप दिया। रक्षा के सारे कॉन्ट्रैक्ट इस एक व्यक्ति को मिल रहा है। हिन्दुस्तान के पीएम इसी एक व्यक्ति को सब पकड़ा रहे हैं। इस देश में पिछड़े लोग कितने हैं इसके पीछे सोच है। किसी निजी कंपनी में जाइए और पूछिए कि पिछड़े कितने हैं कोई नहीं मिलेगा। हिंदुस्तान की सरकार को 90 लोग चलते हैं। पूरा बजट यही 90 लोग खर्च करते हैं। कितने पिछड़े हैं। केवल 3 ओबीसी हैं। केवल 5 रूपये का निर्णय ओबीसी लेते हैं। दलित के हाथ में 0 फीसदी हिस्सेदारी है। आपकी सरकार, कोपोरेट में हिस्सेदारी नहीं है। निजी यूनिवर्सिटी, कॉलेज में कोई पिछड़ा नहीं है। कहीं भी डिसीजन मेकिंग में दलित और पिछड़े नहीं हैं। पिछड़ों, दलितों और ओबीसी को कॉन्ट्रैक्ट लेबर बनाया जा रहा है। इनकी कहीं हिस्सेदारी नहीं है। पता लगाना होगा कि इनकी संख्या कितनी है। 50 फीसदी ओबीसी हैं। 8 फीसदी आदिवासी है। दलित और अल्पसंख्यक केवल 15 फीसदी है। साइकिल में 200 किलो कोयला लेकर भूखा आदिवासी धकेल रहा था। मैने अपनी आंखों से देखा। हमारा पहला कदम पूरे देश में जाती जनगणना करना होगा। हम आंकड़ा निकलेंगे। दलित आदिवासी के आरक्षण में कमी नहीं आएगी। मेरी गारंटी है।
लोकतंत्र की आवाज नहीं दबने देगा कांग्रेस
ये देश का सबसे बड़ा मुद्दा है। सामाजिक और आर्थिक न्याय जुड़ा है। जीएसटी से छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ। दलित आदिवासी का टैक्स अदानी अंबानी की जेब में जा रहा है। देश में भयंकर बेरोजगारी है। छोटे लघु उद्योग खतम हो गए। पीएम ने कालेधन का हवाल देकर झूठ बोला और नोटबंदी कर दी। देश का युवा रोजगार पा ही नहीं सकता। नोटबंडी और जीएसटी के बाद छोटे उदोग नहीं बचे। जब तक ये सरकार नहीं बदलेगी युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा। पीएम कहते थे मैं ओबीसी हैं। मैने जातीय जनगणना की मांग की। तो कहने लगे कि देश में दो जाति है। अमीर और गरीब। जब सामाजिक न्याय का वक्त आया तो सब भूल गए। देश में अन्याय हो रहा है। मोदीजी को ये नहीं दिखता। अन्याय के खिलाफ हमने न्याय यात्रा शुरू की। देश को हमने दूसरी विचारधारा दी। कहा कि नफरत और हिंसा से कुछ नहीं होने वाला। ये आपको पिछले 10 साल में दिखा है। नफरत, हिंसा बेरोजगारी बढ़ती है उससे अदानी को फायदा होता है। इनकी नीतियां विभाजनकारी है। आपको लड़ाकर अदानी का पेट भरते हैं। आपकी सरकार को क्यों हटाया। ये स्वीकार्य नहीं कर सकते को झारखंड में आदिवासी सीएम है। कांग्रेस और जेएमएम मिलकर सामने खड़े हैं। क्या हुआ? सरकार बच गई। हर प्रदेश में करते हैं। जहां चांस मिलता है एजेंसी की इस्तेमाल करते हैं। लोकतंत्र पर आक्रमण करते हैं। संविधान पर अकर्मण करते हैं। इंडी गठबंधन लोकतंत्र की आवाज नहीं दबने देगा।
जितनी नफरत बढ़ती है उतनी बेरोजगारी
मीडिया पर हमला बोला। सरना कोड देना होगा। हम ये काम कर देंगेये सरकार और मोदी जी को नहीं दिखते लेकिन बाकि लोगों को दिखता है और उसी अन्याय के खिलाफ हमने न्याय यात्रा चलाने का सोचा। जितनी नफरत बढ़ती है उतनी बेरोजगारी बढ़ती है उतना अडाणी का पैसा बढ़ता है। ये आपको लड़ाते हैं। फिर आपका पैसा अडाणी के जेब में डालते हैं। यहां पर आपकी सरकार को क्यों हटाए क्योंकि ये इस बात को नहीं मान पा रहे हैं कि झारखंड में आदिवासी की सरकार है। लोकतंत्र पे आक्रमण कर रहे हैं। संविधान पर कर रहे हैं। लोकतंत्र की आवाज इंडिया कभी दबने नहीं देगा।