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राहुल गांधी ने चुटुपालू में चलाई कोयला ढोनेवाली साइकिल, मजदूरों के हक में कही ये बड़ी बात

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रांची 

रामगढ़ से ऱांची आने के क्रम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyaya Yatra) पर निकले राहुल गांधी ने आज चुटुपालू घाटी में साइकिल पर कोयला ढेने वालों से राह चलते मुलाकात की। उन्होंने अपने साथ चल रहे काफिले को रोक दिया और साइकिल पर कोयला ढोते देख मर्माहत हुए। उनकी समस्याओं को जाना और कोयला बेचने में आने वाली परेशानियों से परिचित हुए। बता दें कि साइकिल पर कोयला बेचने वाले इन मजदूरों की आय प्रतिदिन 200 या 300 से अधिक नहीं होती है। जबकि इनको कम से कम 200 किलोग्राम कोयला लेकर प्रतिदिन 30 से 40 किलोमीटर चलना होता है। राहुल इन मजदूरों की आय और मेहनत देखकर चकित हुए बिना नहीं रह सके। राहुल ने कहा कि बिना इनके साथ चले, इनके भार को महसूस किए, इनकी समस्याओं को नहीं समझा जा सकता। कहा इन युवा श्रमिकों की जीवनगाड़ी धीमी पड़ी, तो भारत निर्माण का पहिया भी थम जाएगा।

शहीद शेख़ भिखारी एवं उमराव सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की

इससे पहले, रामगढ़ से रांची जाने के दौरान राहुल गांधी चुपुपालू घाटी के शहीद स्थल पर रुके। उन्होंने शहीद शेख़ भिखारी एवं उमराव सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की है। मालूम हो कि आठ जनवरी 1857 को अंग्रेजी हुकूमत ने दोनों शहीदों को मोरहाबादी स्थित टैगोर हिल में फांसी देकर शहीदों को चुटूपालू घाटी स्थित एक बरगद के पेड़ पर टांग दिया था। बता दें कि राहुल गांधी अपने भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। इन दिनों वह झारखंड में हैं। आज वह रांची भी पहुंचेंगे। इसको लेकर व्यापक तैयारी की गई है।