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रघुवर ने किया तंज कहा- ‘सत्ता सुख साधन की सैया, अपन को क्या मां मरे या भैया’ को चरितार्थ कर रहे हैं हेमंत

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रांची
एक कहावत है, ‘सत्ता सुख साधन की सैया, अपन को क्या मां मरे या भैया’। यह कहावत झारखंड की हेमंत सरकार पर सटीक बैठती है। यह बात कही है राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने। उन्होंने मुख्यमंत्री को अकर्मण्य बताते हुए कहा कि हेमंत सरकार लोकहित के हर मोर्चे पर विफल रही है। झारखंड में मानसून की सक्रियता के बीच मच्छर जनित बीमारी राज्य में कहर ढा रहा है। और हेमंत सोरेन सत्ता सुख साधन की सैय्या पर नींद में विभोर हैं। उनके लिए कोई मरे या जीये क्या फर्क पड़ता है। राज्य के 15 जिले डेंगू और 10 जिले चिकनगुनिया की चपेट में आ गये हैं। मानसून की इन बीमारियों से निपटने के लिए सरकार की तैयारी नहीं के बराबर है। न तो फागिंग की पर्याप्त व्यवस्था है न दवा छिड़काव की। यही वजह है डेंगू से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

बीमारियों को नियंत्रित कर पा रही सरकार 

डेंगू के मरीजों की सर्वाधिक 475 जमशेदपुर की है, इनमें पांच की मौत हाल के दिनों में हुई है। रांची जिला दूसरे स्थान पर है, जहां एक मरीज की मौत हो चुकी है। राज्य की राजधानी रांची में अगस्त तक 26 डेंगू और 47 चिकनगुनिया के मामले मिले थे। राज्य की राजधानी में इन बीमारियों के नियंत्रण के लिए जब कारगर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं अन्य जगहों की सुध कौन लेगा? उन्होंने कहा कि यह सरकार न तो बिजली की सही ढंग से आपूर्ति कर रही है और न ही स्वास्थ्य सेवाएं दुरूस्त कर पा रही है। एक तरफ लोग स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था के कारण डेंगू और दूसरी मानसून जनित रोगों से मर रहे हैं, तो दूसरी ओर बिजली की कटौती से परेशान हो रहे हैं। पूरे राज्य में लोड शेडिंग कर विद्युत आपूर्ति की जा रही है।