द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के पथ निर्माण विभाग के सहायक अभियंताओं की वरीयता सूची में विवाद का मामला तुल पकड़ रहा है। मामले को लेकर सहायक अभियंताओं में नाराजगी है। उन्होंने वरीयता सूची पर आपत्ति जताई गई। नाराज सहायक अभियंताओं का कहना है कि कुछ अभियंताओं से मिलीभगत कर विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमों को ताक पर रख 5 वर्ष पूर्व में सीटों की गणना कर वरीयता सूची का निर्धारण किया जा रहा है। दरअसल, यह विवाद मार्च 2023 में प्रोन्नत हुए कनीय अभियंताओं को नवम्बर 2022 में उनसे पहले झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त किए गए सहायक अभियंताओं से वरीय रखने पर उत्पन्न हो रहा है।
गड़बड़ी का पुरज़ोर विरोध
नवंबर 2022 में JPSC द्वारा नियुक्त सहायक अभियंताओं द्वारा गठित डायरेक्ट इंजीनियरिंग सर्विसेज़ एसोसिएशन ऑफ झारखंड यानी देशज नामक संस्था ने विभाग में हो रही नीतिगत गड़बड़ी का पुरज़ोर विरोध करते हुए वरीयता सूची में विभाग के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर की जा रही गड़बड़ियों का खुलासा किया है। इस खुलासे में बताया गया है कि सहायक अभियंता के पद पर कनीय अभियंताओं की प्रोन्नति मार्च 2023 में हुई DPC की बैठक के आधार पर की गई है, जिसके सदस्य पथ निर्माण विभाग के सचिव एवं संयुक्त सचिव भी थे।