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गोमो स्टेशन पर तड़पती रही प्रेग्नेंट महिला, 2 घंटे बाद आई एंबुलेंस; शिशु की मौत

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द फॉलोअप डेस्कः
यात्री सुविधा के लिए करोड़ो रुपया खर्च करने वाली रेलवे की स्वास्थ्य व्यवस्था को पोल गोमो स्टेशन पर उस वक्त खुल गई जब प्लेटफार्म संख्या 3 पर बुधवार को सीढ़ी चढ़ने के क्रम एक गर्भवती महिला फिसलकर गिर गई। इससे वहीं पर उसकी प्रसव हो गया। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण नवजात ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। स्टेशन पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण प्रसव के बाद करीब एक घंटा तक खून से लतपथ महिला दर्द से कराहती रही। इस दौरान स्टेशन पर मौजूद महिला यात्रियों ने और महिला आरपीएफ की जवान अपने तरीके से महिला का मदद करते रहे।


बच्चे की मौत हो गई 
करीब एक घंटे के बाद रेलवे चिकित्सक असीम कुमार अपने टीम के साथ पहुंचे, जिसके बाद महिला नर्स ने नवजात बच्चे की नाभी काटकर बच्चे को अलग कर महिला का प्राथमिक उपचार किया तथा चिकित्सक ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चे के कम वजन रहने के कारण बच्चे की मौत हो गई।  प्राथमिक उपचार के बाद स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए रेलवे द्वारा एंबुलेंस तक की सुविधा महिला को नहीं मिली। रेलवे कर्मी पीड़ित महिला को स्ट्रेकचर से लेकर स्टेशन के बाहर निकले जिसके बाद गोमो दक्षिण पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह उर्फ रवि ने किराए का वाहन की व्यवस्था कर पीड़ित महिला को उसके पति के साथ इलाज के लिए तोपचांची के साहूबहियार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया।


अपने गांव जा रही थी महिला 
पीड़ित महिला का नाम रूबी कुमारी है। वह हरिहरपुर थाना क्षेत्र के खेराबेड़ा गांव की रहने वाली है। वह अपने पति अमर ठाकुर के साथ सूरत से अपने गांव खेड़ाबेड़ा जा रही थी। बुधवार को दोनो पति-पत्नी मालदा एक्सप्रेस से चंद्रपुरा स्टेशन पर उतरे थे और वहां से बरकाकाना सवारी गाड़ी से सुबह सात बजे गोमो स्टेशन पर पहुंची थी। इस दौरान प्लेटफार्म पर उतरकर पुल पर चढ़ने के क्रम में अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई।