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जुआ खेलते धराए 14 पुलिसवालों को बेल, आम आदमी को जेल; रांची पुलिस का गजब कानून

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द फॉलोअप डेस्कः
रांची पुलिस लाइन में दो दिन पहले उस समय भगदड़ मच गई थी जब जुआ खेल रहे लोगों को पुलिस ने छापेमारी कर उठा लिया था। लोगों को हिरासत में लेने के बाद जानकारी मिली कि उनमें कई पुलिसकर्मी भी हैं। जिसके बाद मामले को दबाने की भरपूर कोशिश की गई। या यूं कह लें कि आमलोगों और खास लोगों के लिए रांची में दो तरह के कानून चल रहे हैं। पुलिसवालों के लिए अलग कानून और आमजन के लिए अलग। दरअसल गोंदा थाना क्षेत्र में चल रहे जुए के अड्डे में दो दिन पहले छापेमारी कर क्यूआरटी ने 20 जुआरियों को पकड़ा था। जिसमें 14 पुलिसकर्मी थे। मगर इन्हें जेल भेजने के बजाय पीआर बांड पर छोड़ दिया गया। 


हर रात सजती थी महफिल 
जबकि पिछले तीन माह का अगर रिकॉर्ड देखे तो विभिन्न थाना क्षेत्रों में जुए के अड्डे पर छापेमारी की गई। इस दौरान पुलिस ने जुए के अड्डे से लाखों रुपए बरामद किए। 51 से ज्यादा जुआरियों को गिरफ्तार किया। इन जुआरियों को पुलिस ने जेल भी भेजा था। वहीं गोंदा थाने ने जिन पुलिसकर्मियों को जुआ खेलते पकड़ा गया तो उन पर सिर्फ जुआ अधिनियम की धारा 11 लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की। पकड़े गए सभी लोगों को थाना से बेल मिल गया है। बता दें कि गोंदा थाने से छह सौ मीटर की दूरी पर मिसिर गोंदा में हर रात जुआरियों की महफिल सजती थी। दिलचस्प बात यह है कि इस महफिल की खबर गोंदा थाने की पुलिस को नहीं थी। 


किस क्षेत्र से कितने लोगों को तीन माह के अंदर पकड़ा गया
बता दें कि 1 नवंबर को खेलगांव थाने की पुलिस ने लोहरा टोली से जुआ खेलते हुए 15 जुआरियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 12 नवंबर को रातू पुलिस ने 11 जुआरियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 2 नवंबर को चुटिया थाने की पुलिस ने द्वारिकापुरी से छह जुआरियों को जुआ खेलते हुए पकड़ा और उसे जेल भेज दिया। सितंबर महीने में इटकी पुलिस ने 15 जुआरियों को जुआ खेलते हुए पकड़कर जेल भेजा था। अक्तूबर माह में मुरी पुलिस ने झारखंड मोड़ से चार जुआरियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

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