द फॉलोअप डेस्क
मांडर के सरगांव में र्ईश सेविका माता मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा की 64 वीं पुण्य तिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम में कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की शामिल हुई। रांची महाधर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष विनसेंट आइंद इस अवसर पर विशेष रूप से मौजूद रहे। इस मौके पर माता मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा के जीवनकाल और सेवा पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया।
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि माता मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा का जीवन समाज की सेवा के लिए समर्पित रहा। आज जुबली वर्ष पर तीर्थ यात्रा के तौर पर उनके जीवनकाल को याद किया जा रहा है। हकीकत ये है कि हम सभी इस यात्रा में एक यात्री की तरह है जिसका समय निर्धारित है। हर एक इंसान को खुद के जीवन को एक उद्देश्य के साथ जीने और खुद को ढालना जरूरी है जैसा की माता मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा ने खुद को ढाला।
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि सेवा की राह को चुनना आसान नहीं है, बल्कि बहुत कठिन है। इसके बावजूद उन्होंने इसी राह को चुना और शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा का आदर्श बन कर स्थापित हुई। आधुनिकीकरण के इस दौर में अपने लक्ष्य से भटकने के बजाय आज की पीढ़ी को अपने पुरखों व पूर्वजों के इतिहास को समझने के साथ उसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। संत अन्ना की बहनें इस दिशा में अच्छा काम कर रहीं हैं। इस कार्यक्रम में सी लिली ग्रेस, फादर अजित खेस, सुजाता कुजूर , अनिमा डांग सहित स्थानीय मुखिया मौजूद थे।