देवघर:
झारखंड के देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे के तीसरे दिन 12 लोगो को रेस्क्यू किया गया। जानकारी के मुताबिक अब केवल 2 लोग रोपवे केबिन में फंसे हैं। गौरतलब है कि तीसरे दिन वायुसेना के जवानों ने हेलिकॉप्टर की मदद से 25,000 फीट की ऊंचाई पर जाकर रोपवे की 3 ट्रॉलियों में फंसे 12 लोगों को निकाला। रेस्क्यू टीम का कहना है कि अधिक ऊंचाई तथा रोपवे की तारों की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किल आ रही है।
रविवार को हुआ था रोपवे हादसा
गौरतलब है कि देवघर में रोपवे हादसा रविवार को हुआ था। बड़ी संख्या में सैलानी इस दिन त्रिकुट पर्वत पर घूमने पहुंचे थे। इसी दौरान रोपवे का तार टूट गया और लोग केबिन में फंसे रह गये। रविवार और सोमवार को चले रेस्क्यू ऑपरेशन में कुल 45 लोगों को पहले ही निकाला जा चुका है। थलसेना, वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। अब तक हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई है। 12 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। इन सबको विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। कुछ लोग आईसीयू में भी हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे 3 हेलिकॉप्टर
रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना के तीन हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है। रस्सियों के जरिए फंसे हुए लोगों को निकाला जा रहा है। फंसे हुए लोगों तक ड्रोन के जरिए खाना और पानी भी पहुंचाया जा रहा है। तमाम आला अधिकारी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे भी लगातार घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। उनकी कई तस्वीरें सामने आई हैं।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया आई सामने
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रोपवे हादसे पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने अपने ऑफिशियल ट्विटर पर लिखा कि देवघर स्थित त्रिकुट रोपवे हादसे में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं स्थिति पर लगातार नजर रख रहा हूं। शीघ्र ही सभी लोगों को सकुशल निकाल लिया जायेगा।