रांचीः
झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में सिक्योरिटी गार्ड और ट्रॉली मैन हड़ताल पर थे। इस वजह से पूरी व्यवस्था ठप हो गई थी। रिम्स में रोज करीब 3 हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। गंभीर मरीजों को ट्रॉली मैन ही स्ट्रेचर पर लेटाकर सही वार्ड में पहुंचा देते हैं। इनकी हड़ताल की वजह से मरीजों की जान पर आफत आ गई है। पिछले 24 घंटे तीन गंभीर मरीजों ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। इन मरीजों को सही वक्त पर वार्ड या डॉक्टर के पास पहुंचा दिया जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी। हालांकि 40 घंटे बाद ट्रॉली मैन व सुरक्षाकर्मी अपने काम पर लौट गए हैं और अपने पूर्व की तैनाती स्थल पर सेवाएं देनी शुरू कर दी है। सुरक्षाकर्मियों और ट्रॉली मैंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने 10 जनवरी को होने वाली कैबिनेट में उनकी मांग रखने की बात कही है। इसी आश्वासन पर वह काम पर वापस लौट गए हैं। अगर उस दिन उनके हित में फैसला नहीं लिया गया तो वह दोबारा हड़ताल शुरू करेंगे।
सिक्योरिटी गार्ड और ट्रॉली मैन की संख्या 378
गुरुवार को फॉलोअप ने सिक्योरिटी गार्ड से बातचीत की उन्होंने कहा था कि हम 20 सालों से रिम्स में अपनी सेवा देते आ रहे हैं। और आज होमगार्ड के जवानों को बहाल करने की बात की जा रही है। ऐसे में हम कहां जाएंगे। हमें 9500 वेतन मिलते हैं। वह भी मई माह से लागू हुए हैं। उससे पहले 6500 ही दिए जाते थे। मई माह के बाद केवल 1 माह का वेतन ही मिला है। 5 महीनों से वेतन भी नहीं दिया गया है और अब हटाने की बात हो रही है। ऐसे में हमारे बच्चे औऱ परिवार कहां जाएंगे। हमारे पास दूसरा कोई ऑप्शन भी नहीं है। उनकी मांग है कि होमगार्ड जवानों की बहाली ना की जाए। जब तक उन्हें इस बात का पक्का आश्वासन नहीं मिलेगा वह काम पर नहीं लौटेंगे। इसके साथ ही उग्र आंदोलन भी करेंगे। रिम्स में सिक्योरिटी गार्ड और ट्रॉली मैन की संख्या 378 है। आश्वासम मिलने के बाद वह काम पर लौट गये हैं
10 जनवरी तक मामले का होगा समाधान
पिछले 2 दिनों में लगभग 500 मरीज को रिम्स में इलाज के बगैर वापस लौटना पड़ा, या प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ा। मरीजों के परिजन खुद से ट्रॉली खींच रहे हैं। दूर दराज से आने वाले परिजनों को जानकारी नहीं होने के कारण काफी परेशानी हो रही थी। सही जगह पर पहुंचने में उन्हें काफी समय लग रहा था। रिम्स में तीन शिफ्ट में 70 ट्रॉली मैन को ड्यूटी पर लगाया जाता है। गुरुवार को सिक्योरिटी गार्ड के प्रतिनिधि मंडल ने स्वास्थ्य मंत्री के बन्ना गुप्ता से मुलाकात की। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उनकी बातें सुनने के बाद 10 जनवरी तक मामले के समाधान का आश्वासन दिया है