रांची
पाकुड़ में पुलिस की ओऱ से आदिवासी छात्रों की पिटाई का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग तक पहुंच गया है। आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी और एसपी को नोटिस जारी किया है। आयोग ने पूरे मामले की डिटेल रिपोर्ट तीन दिनों में तलब की है। बता दें कि इस घटना में 11 आदिवासी छात्रों के घायल होने की बात कही जा रही है। पाकुड़ में दो दिन पहले आदिवासी हॉस्टल में 150 पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से आदिवासी छात्रों की पिटाई की थी।
मिली खबर के मुताबिक शराब के नशे में धुत एक पुलिस कर्मी आदिवासी छात्रावास पहुंचा। उसने एक गायब लड़की के हॉस्टल में होने की बात कही। इसके बाद वो छात्रों से उलझ गया। पुलिस कर्मी ने 150 पुलिस कर्मियों को बुलाकर आदिवासी छात्रों की बेरहमी से पिटाई की। इस बाबत अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी और एसपी को नोटिस जारी किया है।
इधर, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की अध्यक्ष आशा लकड़ा ने आज दावा किया कि संथाल परगना प्रमंडल की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। बांग्लादेशी मुसलमान वहां कि आदिवासी युवतियों से शादी कर उनकी जमीन हड़प रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि बांग्लादेशी मुसलमानों के करण वहां के आदिवासी समुदाय के लोग उनके खिलाफ न तो कुछ बोल पा रहे हैं और न ही उनके खिलाफ थाना में एसटी केस दर्ज करा पा रहे हैं।