रांची:
गोपीकांदर प्रखंड के खरौनी पंचायत अंतर्गत नामोडीह गांव का पहाड़िया टोला पेजयल संकट की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। पहाड़िया टोला में आदिम जनजाति के लोग रहते हैं। टोले में कुल 18 घर हैं। टोले में वैसे तो 2 चापाकल और 1 सोलर जलमीनार है लेकिन वर्षो से खराब पड़े हैं। गांव की पार्वती महारानी के घर के सामने वाला चापाकल बीते 5 वर्षों से खराब है। देवेंद्र देहरी के घर के सामने वाला चापाकल 3 वर्षों से खराब पड़ा है। सोलर टंकी में भी 2 वर्षों से गड़बड़ी है।
बोरिंग हुई लेकिन नहीं लगा चापाकल
गांव में सोनू देहरी के घर के सामने तकरीबन 7 महीने पहले डीप बोरिंग की गई थी लेकिन इसमें ना तो चापाकल का हैंडल लगा है और ना ही जलमीनार बना है। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने कई बार आवेदन देकर प्रखंड विकास पदाधिकारी को उनकी समस्या से अवगत करवाया लेकिन मरम्मत का काम नहीं किया गया। ग्रामीण हताश हो चुके हैं।
पथरीले ढलान रास्ते से होकर जाते हैं
पीने का पानी लाने के लिए ग्रामीण रोजाना तकरीबन डेढ़ किमी दूर जाकर जाते हैं। उनको पथरीले ढलान वाले रास्ते से होकर जाना पड़ता है। वहीं खेत में एक पुराना कुआं है जहां से ग्रामीण पानी लाते हैं। रास्ता इतना खतरनाक है कि हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों से भी नाराज हैं। उनका कहना है कि चुनाव के वक्त वोट मांगने तो सब आ जाते हैं लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद गांव, गांव वालों या उनकी समस्या की कोई सुध नहीं लेता।