द फॉलोअप डेस्क
बिहार के भागलपुर शाहिद जुब्बा साहनी केन्द्रीय कारा में बंद रूपेश कुमार ने इतिहास विषय में मास्टर डिग्री हासिल की है। जेल में रहते हुए उन्होंने शासन की अनुमति पर इंदिरा फाँदही ओपन यूनिवर्सिटी से यह उपलब्धि हासिल की। इससे पहले रूपेश गांधी विचार विभाग से भी मास्टर की डिग्री हासिल कर चुके हैं। शाहिद जुब्बा शनि केन्द्रीय कारा में रूपेश को 22 जनवरी 2024 को प्रशासनिक आदेश के बाद लाया गया है। जेल अधीक्षक यूसुफ रिजवान ने रूपेश को प्रमाण पत्र मिलने के बाद मंगलवार को यह जानकारी दी।
परिजनों की अर्जी पर कोर्ट ने लिया संज्ञान
बिहार-झारखंड के चार जेलों होटवार, सरायकेला, बेउर और भागलपुर में भेजे जा चुके बंदी रूपेश कुमार की पढ़ाई के प्रति जारी ललक खत्म न हो, इसके लिए परिवारवालों ने कोर्ट में अर्जी दी थी। कोर्ट ने अर्जी पर संज्ञान लेते हुए परीक्षा देने में आने वाली रुकावट को खत्म करते हुए MA की परीक्षा देने का आदेश दिया। इसके साथ जेल प्रशासन ने पुस्तकालय और पठन-पाठन से जुड़ी सभी परेशानियों को दूर करते हुए रूपेश की सहायता की।
रामगढ़ से हुई थी गिरफ़्तारी
रूपेश कुमार की गिरफ़्तारी उनके घर रामग़ढ़ से हुई थी। 17 जुलाई 2022 को माओवादियों के संपर्क में रहने के कारण रूपेश की गिरफ़्तारी की गई थी। इससे पहले भी उस कई बार गिरफ्तार किया गया था। रांची के होटवार जेल से फिर उसे NIA एक्ट के तहत बिहार के रोहतास जिले में दर्ज एक केस की सुनवाई पूरी करने के लिए पटना के आदर्श केन्द्रीय कारा बेउर लाया गया। जेल में मिलने वाली कथित धमकी की शिकायत के बाद उसे प्रशासनिक आदेश पर भागलपुर जेल भेज गया। तब से रूपेश इसी जेल में बंद है। रोहतास जिले में दर्ज केस को NIA देख रही है।