द फॉलोअप डेस्क
महान संत एवं स्वच्छता के जनक बाबा संत गाडगे महाराज की 69वी महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पुष्प अर्पित किया गया। संगठन महामंत्री ने कहा गाडगे महाराज एक समाज सुधारक थे जिन्होंने गरीबों और दलितों के बीच अज्ञानता, अंधविश्वास और अस्वच्छता के उन्मूलन के लिए काम किया। गाडगे बाबा एक महान संत जो गरीबों, कमजोरों, अनाथों, विकलांगों की सेवा करते हैं। जीवन भर लोगों को सिखाया। इस संत ने, जिन्होंने मनुष्य में भगवान की तलाश की, धर्मशालाओं, अनाथालयों, आश्रमों और अनाथों के लिए विद्यालयों की शुरुआत विभिन्न स्थानों पर की। महाराष्ट्र। रंजले-गंजले, दीन- कमजोर, अपंग और अनाथ उनके देवता थे। गाडगेबाबा इन देवताओं में सबसे लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने सिर पर जिन्जा पहना था, खपरा के टुकड़े से बनी टोपी, एक कान में खोपड़ी, दूसरे कान में टूटी चूड़ी का शीशा, एक हाथ में झाड़ू, दूसरे हाथ में घड़ा।
उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज में व्याप्त अज्ञानता, अंधविश्वास, भोली-भाली मान्यताओं, अवांछित रीति-रिवाजों और परंपराओं को दूर करने के लिए समर्पित कर दिया। इसके लिए उन्होंने कीर्तन का मार्ग अपनाया। अपने कीर्तन में वे श्रोताओं को उनके अज्ञान, दोषों और दोषों से अवगत कराने के लिए विभिन्न प्रश्न पूछते थे। उनके उपदेश भी सरल और सहज होते थे। अपने कीर्तनों में वे कहा करते थे कि चोरी मत करो, साहूकारों से कर्ज मत लो, व्यसनों में लिप्त मत हो, भगवान और धर्म के नाम पर जानवरों को मत मारो, जातिगत भेदभाव और छुआछूत का पालन मत करो।
उन्होंने आम लोगों के मन में यह बात बैठाने की कोशिश की कि भगवान पत्थर में नहीं बल्कि इंसानों में हैं। वे संत तुकाराम महाराज को अपना गुरु मानते थे। उन्होंने हमेशा कहा कि 'मैं किसी का गुरु नहीं हूं, मेरा कोई शिष्य नहीं है'। अपने विचारों को सरल और भोले-भाले लोगों तक पहुँचाने के लिए वे ग्रामीण भाषा का प्रयोग करते थे। गाडगे बाबा ने भी समय-समय पर संत तुकाराम के सटीक अभंगों का भरपूर उपयोग किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से शशांक राज,जोगेंद्र लाल, राजीव राज लाल, राकेश कुमार राम,मनीष दुबे,रुपेश सिन्हा, संजय चौधरी,सुबोधकांत,प्रिंस कुमार,पवन पासवान,कर्नल वी के सिंह,पुरुषोत्तम राय,विकाश महतो, श्रीनिवास, राहुल सहदेव,बबन बैठा,अमन यादव,संजय महतो,रोहित,अनिल सिंह सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित हुए।