रांची
झारखंड जगुआर मुख्यालय, टेंडर ग्राम में आज IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से बचाव, डिटेक्शन, निष्क्रियकरण और डेटा मैनेजमेंट पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का संचालन मो. जमाल खान, निदेशक, नेशनल बम डेटा सेंटर, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG), नई दिल्ली द्वारा किया गया। इसमें झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिलों के अधिकारियों और झारखंड जगुआर के कर्मियों ने भाग लिया।
कार्यशाला का उद्देश्य नक्सली गतिविधियों में बढ़ते IED हमलों के खतरे को कम करने, सुरक्षा बलों की रणनीतियों को मजबूत करने और डेटा संकलन के जरिए संभावित हमलों का पूर्वानुमान लगाकर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना था। यह उल्लेखनीय है कि IED विस्फोटों से सुरक्षाबलों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है।
मो. जमाल खान ने कहा कि देशभर में हो रहे IED हमलों से संबंधित डेटा—जैसे IED के प्रकार, तकनीक और प्रभाव को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की आवश्यकता है। इससे सुरक्षा एजेंसियां और शोधकर्ता लगातार अपडेट रहेंगे और IED के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए बेहतर रणनीति बना सकेंगे। इस कार्यशाला में झारखंड जगुआर (STF) के पुलिस उप-महानिरीक्षक इंद्रजीत महथा, कर्नल (रिटायर्ड) जे. के. सिंह (समादेष्टा, सैप-2), उप-समादेष्टा श्री मिथिलेश कुमार सहित उग्रवाद प्रभावित जिलों के अधिकारी एवं झारखंड जगुआर के पदाधिकारी-कर्मी उपस्थित रहे।