द फॉलोअप डेस्कः
ग्रामीण विकास विभाग के ठेकों में कमीशनखोरी मामले की जांच कर रही ईडी हर रोज नए-नए खुलासे कर रही है। ईडी के अब तक की जांच में पता चला है कि कमीशनखोरी का पैसा वरीय अधिकारियों और इंजीनियरों के पास पहुंचता था। ईडी ने शनिवार को कोर्ट में दी गई रिमांड पिटीशन में इन बातों को जिक्र किया है। यह भी कहा गया है कि विभागीय इंजीनियरों और संजीव लाल से पूछताछ में कई बड़े नाम सामने आए हैं। बता दें कि अब तक 6 से अधिक इंजीनियरों से पूछताछ हो चुकी है।
इधर मंत्री आलमगीर आलम और संजीव लाल को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ हुई। इसके अलावा विभाग के कुछ इंजीनियरों को भी बैठाकर कई सवाल किए गये। 2020 में आलमगीर के मंत्री बनने के बाद से हर ठेके की जांच की जा रही है। ईडी को साक्ष्य मिले हैं कि प्रत्येक ठेके में मंत्री का कमीशन 1.5 प्रतिशत था।
ऐसे में जांच की जा रही है कि हर ठेके में बीडर कंपनियां कौन थीं, ठेका आवंटन की शर्तें क्या थीं। पैसों की डील कैसे हुई, ईडी जांच कर रही है।कौन-कौन से लोग इससे लाभान्वित हुए, ईडी इन बिंदुओं की जांच कर रही है। ठेकेदारों का एक बड़ा सिंडिकेट भी एजेंसी के रडार पर है। इधर संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम की रिमांड अवधि तीन दिन के लिए बढ़ा दी गई है।