रांची:
गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे अपने सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। कभी इरफान अंसारी तो कभी प्रदीप यादव से उनका ट्विटर वॉर जगजाहिर है। यही नहीं, निशिकांत दूबे अक्सर ट्वीट के जरिये हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों और योजनाओं पर हमला बोलते हैं। कई बार उन्होंने राजनीतिक शिगूफा भी छेड़ा है। हालांकि, इन सबसे इतर निशिकांत दुबे का नया ट्वीट खूब सुर्खियां बटोर रहा है। उन्होंने ऐसा क्या लिखा।
मुख्यमंत्री को टैग करके साधा निशाना
दरअसल, शुक्रवार को निशिकांत दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए ट्वीट किया। लिखा कि ढाई साल बाद मुख्यमंत्री जी को पता चल गया है मैं सांसद हूं। आज मुझे पहली बार 25 अप्रैल को होने वाली इफ्तार पार्टी के लिए निमंत्रण फोन से मिला। ट्वीट में सांसद निशिकांत दुबे ने आगे लिखा है कि आपका निमंत्रण आपको मुबारक। आपका निमंत्रण आपको मुबारक कहने का आशय यही हुआ कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का न्योता ठुकरा दिया।
ढाई साल बाद झारखंड के मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी को पता चला कि मैं भी सांसद हूँ,आज पहली बार मुझे 25 अप्रैल को होने वाले इफ़्तार पार्टी का निमंत्रण फ़ोन से मिला।आपका निमंत्रण आपको मुबारक
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 22, 2022
मुख्यमंत्री ने आयोजित की है इफ्तार पार्टी
गौरतलब है कि इस समय रमजान का महीना चल रहा है। शुक्रवार को वैसी भी मुस्लिम संप्रदाय के लोग जुम्मे की नमाज अदा करते हैं। रमजान के महीने में शुक्रवार को अदा करने वाली नमाज खास बन जाती है। रमजान में संप्रदाय के लोग सुबह सूर्योदय से पहले सहरी करते हैं वहीं शाम को सूर्यास्त के बाद इफ्तारी के जरिये उपवास तोड़ते हैं। कई लोग इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं। राजनीति में तो खैर इसका बहुत ज्यादा महत्व है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुकवार को इसी सिलसिले में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जिसके लिए निशिकांत दूबे को भी न्योता भेजा था।
मुख्यमंत्री पर हमलावर हैं निशिकांत दुबे
इससे पहले गुरुवार को सासंद निशिकांत दुबे ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बीजेपी के शरण में। किसी ने ठीक ही कहा है कि जैसी करनी वैसी भरनी। निशिकांत दूबे का इशारा यहां, मुख्यमंत्री द्वारा खनन पट्टा का लीज हासिल करने को लेकर था। दरअसल, मुख्यमंत्री द्वारा खनन पट्टा का लीज हासिल करने का मामला केंद्रीय निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया है। यदि आरोप सही पाए गये तो हेमंत सोरेन की सदस्यता जा सकती है।