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राज्यपाल रमेश बैस के देवघर दौरे को लेकर गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि देवघर प्रशासनिक संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के उपायुक्त संविधान के हिसाब से नहीं चलते हैं। डॉ. निशिकांत दूबे ने कहा कि देवघर डीसी की जिस प्रकार की कार्यशैली है, उनके पास जेल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
राज्यपाल का देवघर दौरा
शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में डॉ. निशिकांत दूबे ने कहा कि राज्यपाल रमेश बैस अपने परिवार के साथ देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम में पूजा-अर्चना के लिए आने वाले थे। राजभवन से उपायुक्त कार्यालय को सूचित करने हेतु कॉल किया गया था लेकिन देवघऱ डीसी कॉल पर नहीं आए। निशिकांत दूबे का दावा है कि राज्यपाल द्वारा उनको इस बात की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि राज्यपाल से उनके व्यक्तिगत संबंध हैं।
डॉ., निशिकांत दुबे ने कहा कि देवघर डीसी द्वारा राज्यपाल का फोन नहीं उठाने की जानकारी उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को दी। मुख्य सचिव से एडीसी ने भी बात की। सांसद ने कहा कि ये पूरा प्रकरण शर्मनाक है।
डीसी पर साधा निशाना
डॉ. निशिकांत दूबे ने कहा कि मैंने बीते 13 साल में बहुत सारे शासन देखे है, लेकिन कभी भी संविधान का ब्रेक-डाउन नहीं देखा। इस तरह का भ्रष्टाचार नहीं देखा। इस तरह का घटिया प्रशासन नहीं देखा। उपायुक्त को संविधान के किसी पद का वैल्यू नहीं है। सांसद ने आरोप लगाया कि जो व्यक्ति बाबा साहेब के संविधान की वजह से आईएएस बना, हाईकोर्ट से बाहर निकलकर कहता है कि संविधान को जला देना चाहिए।
डीसी ने लोकतंत्र को कुचला!
डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि मैंने राज्यपाल से आग्रह किया है कि देवघर डीसी के खिलाफ 256 के तहत डीओपीटी में चिट्ठी लिखनी चाहिए। जिस तरह के हालात बन रहे हैं, आज नहीं तो कल डिमिशन और जेल जाने के अलावा देवघर डीसी के पास और कोई विकल्प नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए ये शुभ नहीं है।