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नये राज्यपाल खोल सकते हैं वह बंद लिफाफा, लेंगे कोई बड़ा निर्णय

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द फॉलोअप डेस्कः 
झारखंड के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस बंद लिफाफे के अंदर का राज अपने साथ ही ले गये। अब तक किसी को नहीं मालूम हो सका कि आखिर उस लिफाफे में क्या था। लेकिन फिर उस लिफाफा को लेकर राजनीति शुरू हो सकती है। वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अभी तक वह लिफाफा खोला नहीं है। बंद लिफाफे के राजनीति मैटर को उन्होंने अभी तक नहीं देखा है। समय आने पर वह उसे खोलेंगे भी और उसपर उचित निर्णय भी लेंगे। रमेश बैस ने इसपर क्या कानूनी सलाह मांगी है। इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। राज्यपाल के बयान से एक बार फिर का राजनीति गरमा सकती है। दैनिक जागरण अखबार में इस  बाबत एक खबर भी छपी है। 


पिछले साल आ गया था राजनीतिक भूचाल 
गौरतलब है कि पिछले साल तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस के समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरुद्ध ऑफिस आफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग की अनुशंसा बंद लिफाफे के मिलने के बाद झारखंड की राजनीति में भूचाल आ गया था। तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर राजभवन कोई बड़ा निर्णय लेगा।  हालांकि बंद लिफाफे में आयोग ने क्या कहा था उसका आजतक खुलासा नहीं हो सका

लिफाफा आने के बाद हुआ काम 
हालांकि पूर्व गवर्नर ने कहा था कि उन्होंने सही समय पर फैसला लेने का सोचा था। फिर उन्होंने देखा कि लिफाफा मिलने से पहले के दो साल हेमंत सरकार ने जितना काम नहीं किया उससे अधिक काम लिफाफा आने के बाद करने लगी। ऐसे में उन्होंने राज्य हित में फैसला नहीं लेना उचित समझा। राज्यपाल ने कहा था कि जब सरकार के मुताबिक काम नहीं होता तब आरोपों का दौर शुरू होता है। राज्यपाल केवल संविधान के तहत काम करता है। लिफाफा को लेकर उन्होंने अपनी सोच से मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया था और कहा था कि वह बेहतर तरीके से काम करते रहें। पर कोई अपनी छाया से डरे तो हम क्या करें। 

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