द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में सरकारी स्कूलों में पहली से सातवीं कक्षा तक के छात्रों की वार्षिक परीक्षा सोमवार से शुरू हो गयी है। इस परीक्षा में कई अनियमितता सामने आयी है। परीक्षा में छात्रों को विभाग की ओर से न तो प्रश्नपत्र मिला और न ही उत्तरपुस्तिका। अधिकतर स्कूलों में शिक्षक ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखते रहे और छात्र-छात्राएं उन्हें कॉपी में उतारकर जवाब देते रहे। कई जगह छात्रों को अपनी कॉपी घर से लानी पड़ी।
वहीं जहां 2 से 3 शिक्षक और 5 से ज्यादा कक्षाएं थी, वहां शिक्षकों को बार-बार ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा। इससे छात्रों का काफी समय ब्लैकबोर्ड से प्रश्न उतारने में ही चला गया। कुछ स्कूलों में एक ही बेंच पर 4-5 बच्चों ने बैठकर परीक्षा दी, जबकि कई स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठकर परीक्षा देने को मजबूर रहे।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संग के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि यह वार्षिक परीक्षा सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गयी है। जेसीईआरटी के पास करोड़ों का बजट है, फिर भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है। विकास कोष की राशि भी मार्च से पहले खत्म हो चुकी है, जिससे प्रिंटिंग का खर्च उठाना मुश्किल हो गया है।