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विपिन मिश्रा गोलीकांड : जेल में रची गयी थी साजिश, कहां से आये हथियार; SSP ने 6 गिरफ्तारियों के साथ दी तमाम जानकारी  

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रांची 
रांची के बरियातू में 7 मार्च की सुबह कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर अपराधियों ने गोलीबारी की, जिसमें वह घायल हो गए थे। इस घटना की जांच में तेजी लाते हुए डीआईजी सह एसएसपी चंदन सिन्हा के निर्देश पर गठित पुलिस टीम ने मुख्य साजिशकर्ता प्रेम पांडेय समेत छह अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अपराधियों में प्रेम पांडेय, रहमान अंसारी, करण कुमार, अविनाश ठाकुर, शोभित सिंह और विशाल मुंडा शामिल हैं। इनके पास से चार पिस्टल, 26 गोलियां और एक बाइक बरामद हुई है। गिरफ्तारी के दौरान प्रेम पांडेय और रहमान अंसारी भागने की कोशिश में पुलिस वाहन से कूद गए, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। मंगलवार को एसएसपी चंदन सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले का खुलासा किया।


जेल में रची गई थी साजिश, हथियार उपलब्ध कराए गए
इस हमले की साजिश रायपुर जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू (मृत) के इशारे पर रची गई थी। जेल में बंद आकाश राय उर्फ मोनू ने प्रेम पांडेय को हथियार उपलब्ध कराए थे। इसके बाद प्रेम पांडेय ने बक्सर से आए शूटर अविनाश ठाकुर और शोभित सिंह को इस वारदात में शामिल किया। घटना को अंजाम देने के लिए वाहन की व्यवस्था करण ने की थी, जबकि चालक के रूप में रहमान को तैनात किया गया था। वहीं, विपिन मिश्रा की रेकी करने का काम विशाल मुंडा को सौंपा गया था। घटना के दिन रहमान के साथ दोनों शूटर विपिन मिश्रा पर हमला करने पहुंचे। अपराधियों को ठहराने की व्यवस्था प्रेम पांडेय ने श्री रामकृष्ण इंक्लेव में की थी।
गैंगस्टर की दुनिया में प्रेम पांडेय का सफर
प्रेम पांडेय ने पुलिस को बताया कि 15 फरवरी को वह रामगढ़ जेल से बाहर आया था और मोरहाबादी स्थित श्री रामकृष्ण इंक्लेव के एक गेस्ट हाउस में रह रहा था। पहले वह विकास तिवारी गैंग के लिए काम करता था, लेकिन गैंगवार में उसके चाचा और चचेरे भाई की हत्या के बाद उसने अमन साहू के गैंग का दामन थाम लिया।
रामगढ़ जेल में रहते हुए ही अमन साहू ने उससे संपर्क किया और सिग्नल एप के जरिए आकाश राय के माध्यम से उसे अपने गैंग में शामिल कर लिया। 28 फरवरी को शहीद चौक, रांची में मोनू राय के आदमियों ने करण के जरिए दो लाख रुपये पहुंचाए, जिसके बाद विपिन मिश्रा पर हमला करने की योजना बनाई गई।
7 मार्च को हुई थी गोलीबारी 
7 मार्च को बरियातू में अपराधियों ने विपिन मिश्रा की कार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिसमें उन्हें दो गोलियां लगीं। उनके बॉडीगार्ड्स की जवाबी फायरिंग के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। हमले के तुरंत बाद अमन साहू गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इस घटना की जिम्मेदारी ली। इस बीच, 11 मार्च को छत्तीसगढ़ से रांची लाए जाने के दौरान अमन साहू पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए आगे की जांच कर रही है।

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