लोहरदगा
झामुमो के बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नाम दाखिल करने के बाद कहा कि यहां उनका मुकाबला सिर्फ बीजेपी प्रत्याशी समीर उरांव से है। कहा, इसमें कांग्रेस कहीं नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत लगातार चुनाव हार चुके हैं और जनता उन्हें पसंद नहीं कर रही है। भाजपा को सपोर्ट करने के सवाल पर चमरा लिंडा ने कहा यह तो ही नहीं सकता। मेरी लड़ाई सरना धर्मकोड और आदिवासियों को पहचान दिलाने की है। चुनाव जीतने के बाद अगर मैं भाजपा में जाता हूं तो मेरी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। ऐसा मैं क्यों करूंगा।
ओबीसी को 27% आरक्षण की वकालत
लिंडा ने आगे कहा कि रोजगार के साधन उपलब्ध कराना, गुमला को रेलवे लाइन से जोड़ना भी मेरी प्राथमिकता होगी। एक सवाल के जवाब में कहा कि ओबीसी को 27% आरक्षण मिलना चाहिए। सभी जाति के लिए कार्य करूंगा। इंडिया गठबंधन से बगावत के सवाल पर कहा कि मैंने अपनी मंशा दो साल पहले पार्टी के समक्ष रख दी थी। लेकिन मुझे सम्मान नहीं मिला। आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं देख सकता, इसलिए चुनाव में उतरा हूं।
समीर उऱांव ने किया नामांकन
बता दें कि आज एनडीए प्रत्याशी बीडी राम ने पलामू से और समीर उरांव ने लोहरदगा संसदीय सीट से नामांकन किया। बीडी राम के नामांकन में केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह शामिल रहे। बीडी राम तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। नामांकन से पहले उन्होंने मां काली के दर्शन किया और जीत के लिए माता का आशीर्वाद लिया।
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