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मौत का पुल बना मुरगू, 15 महीने में 20 से अधिक दुर्घटनाएं; 10 लोगों की गई जान

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द फॉलोअप डेस्कः
एनएचएआई की लापरवाही ने बुधवार को दो युवाओं की जिंदगी छीन ली। सीयूजे के दो छात्रों की मौत हो गई। दोनों बंगाल के रहने वाले थे। मुरगू पुल मौत का पुल बन गया है। पिछले पांच साल से मुरगू पुल का निर्माण हो रहा है, लेकिन अभी भी अधूरा है। बेतरतीब डायवर्सन और जर्जर सड़क की वजह से पिछले 15 माह में यहां 20 से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई है और 18 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये है। एनएचएआई ने एनएच- 39 का निर्माण कराया है। मुरगू के पास एनएच पर पुल बनाने के लिए तीन साल पहले गड्डा खोदा गया था। ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बगल में अस्थाई डायवर्सन बनाया गया था। लेकिन पिछले दो वर्षों में मानसून में दो बार यह डायवर्सन बह गया। ब्रिज के लिए खोदे गए गड्ढे में सरिया और बोल्डर डालकर वैसे ही छोड़ दिया गया। पुल का ठेका लेने वाला ठेकेदार काम छोड़कर भाग गया। दुबारा टेंडर करने में एनएचएआई ने एक साल लगा दिया। गड्ढे के दोनों ओर 500 मीटर के दायरे में सड़क भी जर्जर है। इस वजह से यहां अब तक दस लोगों की जान चली गई।