द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड सरकार द्वारा विगत 2 वर्षो से राज्य के छह जिलों (गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, खूंटी, पश्चिमी सिंघभूम और साहिबगंज) के 259 चयनित विद्यालयों में मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के लागू होने से प्रारंभिक स्तर पर बच्चों के सीखने में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले है। इससे प्रोत्साहित होकर राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 से राज्य के 7 जिलों (लातेहार, सिमडेगा, लोहरदगा, खूंटी, पश्चिमी सिंघभूम, साहिबगंज और दुमका) के चयनित 1041 विद्यालयों में यूनिसेफ और एलएलएफ (लैंग्वेज लर्निंग फाउंडेशन) के सहयोग से 5 स्थानीय भाषाओं, संथाली, मुंडारी, हो, कुड़ुख और खड़िया में बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम 'पलाश' प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।
8 जिलों में हुआ भाषायी सर्वेक्षण, आंकड़ों का हुआ सत्यापन
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के सीखने के बुनियादी कौशल को बेहतर बनाने के लिए बच्चो की मातृभाषा को उनकी औपचारिक शिक्षा में शामिल करते हुए उन्हें हिंदी के साथ साथ बुनियादी शिक्षा एवं संख्याज्ञान सिखाने के लक्ष्यों को प्राप्त करना है। राज्य सरकार द्वारा इस कार्यक्रम को अकादमिक सत्र 2024-25 से 1000 विद्यालयों में विस्तारित करने की योजना के अंतर्गत आठ जनजातीय भाषा बहुल जिलों के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दो चरणों में भाषायी सर्वेक्षण कराया गया। जिन जिलों में भाषायी सर्वेक्षण हुआ उनमे दुमका, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, पश्चिमी सिंघभूम, साहिबगंज, सिमडेगा और लातेहार शामिल है। इन जिलों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की भाषा से जुड़े आंकड़े एकत्रित किये गए। एकत्रित आंकड़ों का सत्यापन विद्यालयों से संबंधित संकुल साधनसेवियो (सीआरपी) के द्वारा किया गया।
विद्यालयों का संयोजन, बनाया गया राज्य श्रोत समूह
भाषायी सर्वेक्षण के पश्चात चयनित विद्यालयों का एलएलएफ और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों द्वारा संयोजन किया गया है। संस्थाओ के प्रत्येक कर्मी द्वारा विद्यालय की प्रखंड/जिला मुख्यालय से दूरी तथा अन्य प्रशिक्षण सुविधाओं का बारीकी से अनुश्रवण किया गया। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए राज्य श्रोत समूह का निर्माण किया गया है। राज्य श्रोत समूह में आठ जिलों के 32 शिक्षकों को शामिल किया गया है। राज्य श्रोत समूह के सदस्य चयनित विद्यालयों के बहुभाषी शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को समयक रूप से प्रशिक्षित और अनुसमर्थन करेंगे।
राज्य श्रोत समूह के सदस्य जिलों में देंगे शिक्षकों को प्रशिक्षण
राज्यस्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त राज्य श्रोत समूह के सदस्य अपने अपने जिलों में बहुभाषी शिक्षा कार्यक्रम हेतु चयनित विद्यालयों के चयनित शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। जिलास्तरीय प्रशिक्षण पांच अवधियों में संचालित होकर दिनांक 21 अगस्त, 2024 को संपन्न होगी।
90 मिनट तक होगा अनिवार्य कक्षा संचालन
बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम के तहत चयनित विद्यालयों में 90 मिनट का अनिवार्य कक्षा संचालन होगा। इसमें मौखिक भाषा विकास, डिकोडिंग, पठन और लेखन पर संतुलित भाषा शिक्षण पद्दति के अनुसार कार्य होगा। शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण बच्चो की मातृभाषा में होगा एवं उसका संकलन बच्चो के परिचित संदर्भ और उनके संस्कृति से किया जाएगा। मातृभाषा के स्वर, व्यंजन, मात्राओ को लेकर अभ्यास पुस्तिका बनाई गयी है और उन्हें राज्य के पाठ्यपुस्तकों से संरेखित किया गया है।
वर्ष में 2 बार होगा सावधिक आंकलन
वर्ष में 2 बार बच्चों का सावधिक आंकलन किया जाएगा। यह आंकलन साप्ताहिक आंकलन से अलग होगा। इस आंकलन को शिक्षकों द्वारा ही संचालित किया जायेगा। हर आंकलन के बाद उपचारात्मक शिक्षण कार्य के लिए आठ से दस दिन तय किये जाएंगे। कमजोर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को शिक्षकों द्वारा विशेष कक्षा दी जाएगी।