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धनबाद : एनकांउटर में मारे गये शुभम का शव लेने पहुंची मां, कहा-मेरा बेटा लावारिस नहीं था

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धनबादः

मां आखिर मां ही होती है। मंगलवार को बैंक मोड़ मुथूट फाइनेंस कांड में मारे गए भूली के शुभम सिंह की मां और दोनों बहनें बुधवार की सुबह धनबाद के SNMMCH अस्पताल में बिलख -बिलख कर रो रही थीं। मां की ममता फूट पड़ी थी।   वह चीख रही थी कि यह कैसा न्याय है कि उसके बेटे की लाश को भी उसे नहीं दिखाया जा रहा है।  वह 3 घंटे से इंतजार कर रही है।  बिलखती मां कह रही थी कि हम मानते हैं कि मेरा बेटा गलत था, लेकिन सिर्फ एक ही को क्यों मारा गया.  दो जो पकड़े गए उन्हें क्यों नहीं मारा। दो जो भागे उन्हें क्यों नहीं पकड़ा गया है।  शुभम की बहनें भी रो रही थीं। 

 

तीन घंटे से कर रही हैं लाश देखने का इंतजार 
शुभम की मां कह रही थी किउसका बेटा लावारिस नहीं है, वह लाश ले जाएगी और अपने हाथों से उसका दाह संस्कार करेगी। मेरे खानदान का दीया  तो बुझ गया लेकिन पुलिस अगर चाहती तो उसे पैर में गोली मारकर पकड़ सकती थी।   मां कह रही थी कि उसके पिता तो घटना के बाद बिचलित हो गए हैं। अनाप शनाप बोल रहे हैं। एक  महीने से मेरा बेटा घर नहीं आया था। मेरा बेटा ऐसा था नहीं लेकिन गलत संगत में फंसकर वह इस तरह का काम करने लगा होगा।   लेकिन इसकी जानकारी उन लोगों को नहीं थी.  

 

बढ़ रहा अपराध 
पुलिस ने ऐसा कदम इसलिए उठाया क्योंकि 2 दिन पहले गुंजन ज्वेलर्स  में भारी डाका पड़ा था और ठीक उसके 2 दिन बाद मुथूट फाइनेंस में डाका डालने की कोशिश की गई, जो कि पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई से विफल हो गई। अगर पुलिस सजग, चौकन्ना नहीं होती तो डकैती डालने आए अपराधी अपने मकसद में सफल हो जाते। फिर पुलिस पर सवालो की झड़ी लग जाती। इतना तो तय है कि इस घटना के बाद धनबाद में जो अपराध का ग्राफ बढ़ रहा था ,वह  नीचे गिरेगा।  अब पुलिस के सामने भी चुनौती है कि वह फिर से धनबाद में अपराधियों को सिर उठाने का मौका नहीं दे।

 

इंटर डीएवी से किया है

मंगलवार को धनबाद में मुथूट फाइनेंस से सोना लूटने आये डकैतों और पुलिस के बीच हुए मुठभेड़ में मारा 21 वर्षीय शुभम सिंह का परिवार मूल रूप से  बिहार के आरा के कोइलवर का निवासी है। पिता विश्वजीत सिंह निजी आउटसोर्सिंग कम्पनी में ड्राइवर हैं। शुभम डीएवी कुसुंडा से  इंटर पास है और परिवार वालों को उसने  जानकारी दी थी कि वह एनडीए की पढ़ाई पूरी करके पुणे में डिफेंस की ट्रेनिंग कर रहा है। मुहल्ले में इसके लिये पिछले वर्ष मिठाई भी बांटी थी। लेकिन वह  इधर ही रह रहा था। हाल के दिनों में उसने संगत गलत लोगों के साथ हो अपराध की दुनिया मे कदम रख दिया।  वजानकारी के अनुसार उसका धनबाद में कोई अपराधिक इतिहास नहीं रहा है।उसकी दो छोटी बहने भी हैं।अंतिम बार राखी के मौके पर भूली आया था।