द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में मौसम तेजी से बदल रहा है। मौसम विभाग की मानें तो आज झारखंड में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है। राजधानी रांची में बुधवार को सुबह-सुबह मौसम खराब हो गया। इससे पहले मंगलवार की रात रांची में अच्छी बारिश हुई। मंगलवार-बुधवार की रात 2 चेतावनी जारी की। पहली चेतावनी रात के 12:57 बजे और दूसरी चेतावनी 2:16 बजे जारी हुई। पहली चेतावनी में कहा गया कि बोकारो और धनबाद जिले के कुछ हिस्से में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश और वज्रपात होने की संभावना है। इसके बाद 2:16 बजे जारी की गई तात्कालिक चेतावनी में गिरिडीह जिले के कुछ हिस्से में गरज के साथ वर्षा होने की बात कही गयी।
22 जुलाई तक मौसम का हाल
मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी पूर्वानुमान की बात करें तो राजधानी रांची में 22 जुलाई तक आसमान में काले बादल छाए रहेंगे और हल्की वर्षा होने की संभावना है। वहीं 17, 18 और 19 जुलाई को राज्य में कहीं-कहीं हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना है। राजधानी समेत पूरे राज्य के मौसम में बदलाव हो रहा है। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद बताते हैं कि यह बदलाव वैश्विक और स्थानीय कारणों से हो रहा है। स्थानीय तौर पर लगातार पेड़-पौधों की कटाई और इसके सापेक्ष में कम पौधारोपण ने परेशानी बढ़ाई है। यही नहीं प्राकृतिक संसाधनों के दोहन ने भी कम वर्षापात और तापमान को बढ़ावा दिया है।
झारखंड में कमजोर पड़ा मानसून
हालांकि, झारखंड में अब मानसून कमजोर पड़ गया है। एक-दो जिलों को छोड़ दें, तो मंगलवार को कई जिलों में बारिश नहीं हुई। राजधानी में दिन में छिटपुट बारिश हुई। रात में अचानक अच्छी बारिश हुई। पिछले 24 घंटे के दौरान झारखंड के मौसम की बात करें, तो सबसे अधिक वर्षा गोड्डा में हुई। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, गोड्डा में 32 मिलीमीटर बारिश हुई. रांची जिले के अड़की में करीब 22 मिलीमीटर वर्षा हुई. राजधानी रांची में शाम 5 बजे तक 2 मिलीमीटर के आसपास बारिश हुई थी. रात में एक बार फिर बारिश हुई।
जलवायु परिवर्तन का दिख रहा असर
जलवायु परिवर्तन के कारण राजधानी में वर्षा की समय सीमा जून और जुलाई से अगस्त और सितंबर के वर्षापात पर आ टिकी है। एक जून से 16 जुलाई तक हुए वर्षापात की बात करें तो पूरे राज्य में अब तक 348.9 मिमी वर्षापात होना था जो कि सामान्य से काफी कम 186.1 मिमी वर्षा हुई है। वहीं, राजधानी रांची में 361.3 मिमी वर्षापात के सापेक्ष में महज 184.7 मिमी वर्षा हुई है। जो कि सामान्य से काफी कम है।