रामगढ़ः
पूर्व विधायक निर्मला देवी को 5 जनवरी 2023 को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जमानत मिलने के बाद आज वह पहली बार जैसे बाहर निकली है। जेल से बाहर निकलते वक्त निर्मला देवी के पति व पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, उनकी बेटी व बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, बेटा अंकित राज व छोटी बेटी अनुप्रिया समेत परिवार के अन्य लोग भी होटवार जेल पहुंचे थे। जेल से बाहर निकलने पर उनका स्वागत किया गया। मौके पर निर्मला देवी ने कहा कि हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। मुझे और मेरे परिवार को न्याय मिलेगा मुझे यह विश्वास था। भाजपा ने साजिश के तहत मेरे परिवार को फंसाया है। इसी बीच विधायक अंबा प्रसाद ने भी एक फोटो और एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। अंबा ने लिखा है 7 साल बाद पूरा परिवार एक साथ। मां, पापा, भाई-बहन। दुनिया में परिवार के साथ से बेहतर खुशी और कुछ नहीं।
क्या है मामला
दरअसल बड़कागढ़ के चिरूडीह के खनन क्षेत्र में एनटीपीसी को जमीन दी गई गई थी। पूर्व मंत्री योगेंद्र साथ तत्कालीन विधायक निर्मला देवी अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे। 15 सितंबर 2016 को निर्मला देवी समर्थकों के साथ कफन सत्याग्रह पर बैठ गई। यह सत्याग्रह 30 सितंबर तक जारी रहा। एक अक्तूबर की सुबह छह बजे एएसपी कुलदीप कुमार, सीओ शैलेश कुमार सिंह अन्य पुलिस अधिकारी व जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। सत्याग्रह कर रहे लोगों को विरोध समाप्त करने की अपील की, नहीं मानने पर पुलिस बल विधायक निर्मला देवी को हिरासत में ले लिया।
इसके बाद पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई। भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर विधायक को छुड़ा लिया था। हिंसा में एसएसपी कुलदीप, सीओ शैलेश कुमार सिंह सहित कई अधिकारी व जवान घायल हो गए। विरोध-प्रदर्शन कर रहे चार लोगों की भी मौत हो गई। आनन-फानन में घायल अधिकारियों को एयरलिफ्ट कर रांची के मेडिका अस्पताल लाया गया। 2 अक्तूबर, 2016 को बड़कागांव में प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसमें पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी एवं अंकित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसी मामले में अदालत ने पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव को दस साल की सजा सुनाई है। योगेंद्र साव को पहले ही जमानत मिल गई है।