पलामू:
झारखंड में आजकल राजनीतिक बयानों की बहार आई हुई है। सरकार में शामिल कोई मंत्री ही सरकार पर आरोप लगाता है, तो किसी मंत्री के माथे पर पूर्व विधायक ही इल्जाम की टोकरी धर देता है। राजधानी रांची से उड़कर ऐसी फिजा अब पलामू में भी बन चुकी है। यहां के गढ़वा से झामुमो विधायक हैं मिथिलेश कुमार ठाकुर। हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली राज्य सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री हैं। उनपर बालू की अवैध ढुलाई कराने का आरोप है। इसके खिलाफ उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
आरोप भाजपा के पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने लगाया है। उन्होंने पिछले दिनों मिथिलेश ठाकुर पर आरोप लगाया कि जिले की नदियों से बालू की अवैध सप्लाई में उनकी बड़ी भूमिका है। दबंगई और गुंडई को उनका संरक्षण हासिल है। उनके भाई विभिन्न सरकारी विभागों में टेंडर को मैनेज करते हैं। मंत्री के कार्यकर्ताओं से जनता त्रस्त है। मंत्री के इशारे पर ही पुलिस और प्रशासन के लोग काम करने के लिए मजबूर हैं।
इधर, मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने अपने उपर लगे सारे अरोपों को सिरे से खारिज किया है। कहा कि सत्येंद्रनाथ तिवारी जानबूझकर उनकी छवि धूमिल करने के षड्यंत्र में शामिल हैं। जब जनता ने उन्हें नकार दिया है तो वे प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व विधायक के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है। उनका कहना है कि सत्येंद्रनाथ तिवारी अब कोर्ट में आरोप प्रमाणित करें।