रांची
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने आज झारखंड राज्य सहकारी लाह क्रय-विक्रय एवं आहरण संघ के लाह कारखाना, सिदरौल का निरीक्षण किया। यहां हो रहे कार्यों की प्रगित की जानकारी ली। इस अवसर पर निबंधक, सहयोग समितियों के पदाधिकारी, झारखंड, प्रबन्ध निदेशक, झास्कोलैम्पफ, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण निगम, सहायक अभियंता, आईसीडीपी कोषांग के साथ अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
अधिकारियों की ओर से दीपिका पांडेय सिंह को बताया गया कि गत दो वर्षों में लगभग 2000 लाह कृषकों को वैज्ञानिक पद्धति से ट्रेनिंग दी गयी है। साथ ही लाह कृषकों को अनुदान पर लाह बीहन एवं खेती में प्रयुक्त होनेवाले टूल-कीट्स उपलब्ध कराये जा रहे हैं। वहीं, लैक सीलिंग स्टिक की आपूर्ति 12 जिलों में की गयी। यह भी बताया गया कि 312 लैम्पस, पैक्स, व्यापार मंडल एवं प्राथमिक लाह उत्पादक सहयोग समितियों, झास्कोलैम्पफ से सम्बद्ध है। समीक्षा के क्रम में बताया गया कि राज्य में मुख्यतः 9 जिलों में, रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, लातेहार, पलामू एवं गढ़वा में कुसुम, बैर, पलास और सेमियालता वृक्षों पर लाह की खेती की जा रही है। वर्तमान में बाजार दर ज्यादा होने के कारण लाह कृषकों से लाह का आहरण संभव नहीं हो पा रहा है।
इस क्रम में दीपिका पांडेय सिंह ने निर्देश दिया कि राज्य एवं राज्य से बाहर लैक सीलिंग स्टिक की आपूर्ति के लिए रिपोर्ट तैयार करें। ताकि राज्य के लाह उत्पादक किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। साथ ही साथ लाह कारखाना, सिदरौल में स्कूल एवं कॉलेज के छात्रों को भ्रमण कराकर उन्हें लाह उत्पाद की जानकारी देने की बात कही गयी। मंत्री की ओर से लाह कारखाना परिसर में हो रहे निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया गया। निर्माण कार्य जल्द पूरा करने का निदेश दिया गया।