द फॉलोअप डेस्कः
पिछले मंगलवार को सीएम चंपाई सोरेन की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट भवन में विभागीय समीक्षा बैठक हुई थी। बैठक में मुख्यमंत्री के बगल वाली सीट में मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव की जगह मंत्री बन्ना गुप्ता बैठे थे। उसके बाद से यह चर्चा जोरों से है कि सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता का कद बढ़ने वाला है। दरअसल पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के मंत्री पद छोड़े जाने के बाद से ही कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद खाली है। मुख्यमंत्री के बगल में बन्ना की उपस्थिति से यह संकेत मिलता है कि उन्हें यह पद दिया जा सकता है। लेकिन यहां एक तकनीकी पेच भी बन सकता है।
बन्ना के नेम प्लेट की अदला बदली की गई
आपको मालूम हो कि हेमंत सोरेन सरकार में मुख्यमंत्री के बाद वरीयता क्रम में आलमगीर आलम बैठते थे। मंगलवार की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के बगल में बन्ना बैठे न कि रामेश्वर उरांव। समीक्षा बैठक में उपस्थित सभी आला अधिकारी भी इससे काफी चौक गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में मुख्यमंत्री के बगल में डॉ उरांव के बैठे जाने का नेम प्लेट लगा था। लेकिन बाद में इस नेम प्लेट की जगह मंत्री बन्ना गुप्ता का नेम प्लेट लगा दिया गया।
शपथ के आधार पर मिलती है वरीयता
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन के 29 दिसंबर 2019 को ली गई शपथ में उनके साथ आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली थी। 28 जनवरी 2020 को बन्ना गुप्ता ने शपथ ली थी। कैबिनेट में वरीयता का क्रम हमेशा शपथ लेने के आधार पर निर्धारित होता है। आलमगीर के हटने के बाद वरीयता के क्रम में डॉ. उरांव का स्थान आता है। लेकिन उनकी जगह मंत्री बन्ना गुप्ता को मुख्यमंत्री के बगल में जगह दी गई। ऐसे में मंत्री बन्ना का कद बढ़ाने के लिए सरकार एक नोटिफिकेशन भी जारी कर सकती है।