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सीएम से बड़े हैं मंत्री बन्ना गुप्ता! खुद नियुक्त कर लिया सचिव, गरमाई सियासत

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द फॉलोअप डेस्कः 
कार्मिक विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव के पद पर 15 दिनों तक किसी अधिकारी का पदस्थापन नहीं किया तो स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने खुद दूसरे अधिकारी को इसका प्रभार दे दिया। उन्होंने अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी को स्वास्थ्य सचिव का प्रभार दिया है। वे स्वास्थ्य सचिव के पद पर किसी अधिकारी के पदस्थापन होने तक इसका प्रभार संभालेंगे। मंत्री ने 16 जनवरी की तिथि से इसका खुद आदेश जारी किया। 


सरयू राय ने उठाया सवाल 
अभी तक इस पद पर किसी अधिकारी का पदस्थापन नहीं होने तथा मंत्री द्वारा ही इस पद का प्रभार देने पर सवाल उठ रहे हैं। निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए सरकार को कटघरे पर खड़ा किया है। उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है। इसमें इन्होंने इस आदेश का विरोध किया है। विरोध करते हुए कहा है कि हेमंत आपके स्वनामधन्य कांग्रेसी मंत्री बन्ना गुप्ता ने निम्नांकित ज्ञापांक अधिसूचना जारी किया है जो गलत है। इसे तुरंत रद्द करिए, यह अधिकार केवल मुख्य मंत्री का है। कार्यपालिका नियमावली ने मात्र 30 दिन के लिए यह तदर्थ अधिकार मुख्य सचिव को दिया है। 


फैसला वापस लेने की मांग
स्वास्थ्य मंत्री के इस फैसले को विपक्ष ने गैरकानूनी और अव्यावहारिक बताया है। साथ ही इसे वापस लेने की मांग की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने स्वास्थ्य मंत्री के इस आदेश पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है। मुख्यमंत्री तत्काल बन्ना गुप्ता के इस अव्यावहारिक निर्णय को वापस लें। वहीं, विधायक सरयू राय ने भी स्वास्थ्य मंत्री द्वारा अपने लेटरपैड पर जारी विभागीय सचिव का प्रभार दिए जाने के आदेश पर आपत्ति दर्ज की है। बता दें कि अरुण कुमार सिंह 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गये। जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव का पद रिक्त है। इससे विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है।