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सारंडा के जंगल में पड़े लाखों टन आयरन के निष्पादन को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का दिया निर्देश

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड झारखंड हाईकोर्ट में 19 अप्रैल बुधवार को सारंडा के जंगल में आयरन ओर के खनन एवं उसके ट्रांसपोर्टेशन होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर विधायक सरयू राय की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने सरकार से पूछा है की माइनिंग गतिविधियों के कारण सारंडा के जंगल में जो लाखों टन आयरन ओर बचे हैं उसे निष्पादित करने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके साथ मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 21 जून की तिथि तय की है।

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जंगल में रुका हुआ है माइनिंग गतिविधि

मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की। कोर्ट को बताया गया कि फिलहाल सारंडा के जंगल में माइनिंग गतिविधि रुका हुआ है। लेकिन, पहले से वहां जो लाखों टन आयरन ओर निकाले गए हैं वह पड़ा हुआ है, जिससे वहां प्रदूषण की समस्या अभी भी बनी हुई है।

सरयू राय ने 2012 में की थी जनहित याचिका दाखिल

बता दें कि सारंडा के जंगल में पर्यावरण के संरक्षण को लेकर वर्ष 2012 में सरयू राय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने कई सुनवाई में मामले में दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बाद सारंडा क्षेत्र में चल रहे माइनिंग गतिविधियों पर रोक लगी है।

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