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लाइब्रेरी बनाना इबादतगाह के समान :  रबीन्द्र नाथ महतो 

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो और राज्यसभा सांसद महुआ मांजी ने संयुक्त रूप से रविवार को बहु बाजार रोड, रांची स्थित जमीयतुल एराकीन भवन में लाइब्रेरी एवं स्टडी सेंटर का उद्घाटन किया। यह लाइब्रेरी एवं स्टडी सेंटर जमीयतुल एराकीन संस्था के द्वारा छात्र और छात्राओं को पुस्तकालय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए खोला गया है। इस अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूल के छात्राओं ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत गान गाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता हसीब अख्तर सेवानिवृत्त डीडीसी सह संस्था के अध्यक्ष ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रबीन्द्र नाथ महतो ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की पुस्तकालय की स्थापना समाज के लिए एक नेक शगुन है। हम इबादत गाहें बनाते हैं, लाइब्रेरी की स्थापना एक बड़ी इबादतगाह है। हम दूसरे का धन प्रतिष्ठा नही ले सकते हैं लेकिन दूसरों से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं को पुस्तकालय को समर्पित कर दीजिए, पुस्तकालय आपको वो मंज़िल देगी जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्होंने ने कहा कि ये संस्था की बड़ी पहल है। लाइब्रेरी समाज मे प्रतिभाओं के लिए एक पुरुस्कार के समान है और स्टडी सेंटर बिखरी हुई प्रतिभाओं को  एकत्रित करने का बेहतरीन पहल है। पुस्तकें जीवन को सुसज्जित करती है। उन्होंने अपने क्षेत्र नाला के प्रत्येक पंचायत में बेकार पड़े सरकारी भवनों को कैसे पुस्तकालय के रूप में तब्दील कराए इस पहल को भी विस्तृत रूप से कार्यक्रम में लोगों से साझा किया।

प्रतियोगिताओं की पुस्तकें भी रहेंगी उपलब्ध 

राज्य सभा सदस्य महुआ माझी ने कहा कि " जमीयतुल एराकीन के द्वारा स्थापित पुस्तकालय एक महान पहल है। मेरा सौभाग्य है कि ऐसे पवित्र कार्यक्रम में हिस्सा लेने का मौका मिला। इसके आस-पास स्लम आबादी बहुत है जहाँ लाइब्रेरी की स्थापना आला सोच का दर्शाता है। ये एक क्रांतिकारी क़दम है और मुझे उम्मीद है कि माही के संयोजक इबरार अहमद, मो ग्याशुद्दीन उर्फ मुन्ना भाई का सहयोग मिलता रहेगा और ये लाइब्रेरी फलता फुलता रहेगा। मुझे खुशी है कि इस लाइब्रेरी में सभी प्रतियोगिताओं की पुस्तकें भी उपलब्ध है। 

बच्चें लाइब्रेरी का लाभ लें

जमीयतुल एराकीन कमिटी के महासचिव सैफुल हक़ ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यह पूरे राँची में सबसे पुरानी स्कूलों में से है और जमीयत ने समाज में बहुत ही सकारात्मक भूमिका निभाई है और हर सामजिक कार्यों में पेश-पेश रहा है। जमीयतुल एराकीन की स्थापना 1938 ई में हुई है और ये शहर की पुरानी पंचायत है और पुस्तकालय की स्थापना भी सबसे पहले हुई है। अपने अध्यक्षीय भाषण में हसीब अख़्तर ने कहा कि हमारे समाज में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं जिन्हें घर मे पढ़ने की जगह उपलब्ध नहीं है इसी मक़सद की तहत लाइब्रेरी की स्थापना की गई ।ताकि ऐसे बच्चें लाभान्वित हों। कमिटी इस लाइब्रेरी को चौबीस घंटे खोलने की तैयारी में है। कमिटी का अगला कार्यक्रम इस क्षेत्र में कंप्यूटर लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए कंप्यूटर सेंटर की स्थापना करना है। हसीब अख़्तर ने पुस्तकालय के हेतु किताबें दान देने के लिए माही के इबरार अहमद, सदफ़ पब्लिक स्कूल के सेराजुद्दीन,शान बॉयज होस्टल के डायरेक्टर सफवान आलम उर्फ ज़ीशान, अनवार आलम, सर्व इंडिया ग्रुप और ज़फर नईम का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में ये गणमान्य लोग रहे उपस्थित

इस कार्यक्रम में जमीयतुल एराकीन के उपाध्यक्ष दस्तगीर आलम, कोषाध्यक्ष मोजाहिद सोहैल, कार्यकारिणी सदस्यों में मुजाहिद इस्लाम, अर्शद शमीम, कमालुद्दीन, अब्दुल गफ़ूर शाज़ली,जावेद शहज़ाद,मोहम्मद जावेद के इलावा माही के संयोजक इबरार अहमद, गयासुद्दीन मुन्ना,मोहम्मद सलाहुद्दीन, सरवर इमाम खान, रिजवान अंसारी,सरफराज अहमद, नदीम अख़्तर, प्रोफेसर निज़ामुद्दीन ज़ुबैरी, राशिद बुखारी, प्रोफेसर अनीसुर्रहमान, अरशद कमाल, नैय्यर परवेज़ डायमंड, जुनैद अहमद, डॉक्टर तनवीर, डॉक्टर असलम परवेज़, मंज़र इमाम, औरंगज़ेब, मोहम्मद नजीब, मोहम्मद वसीम, जावेद अहमद,मोहम्मद शकील, नूर आलम, ख़ालिद सैफुल्लाह,सलमान चौधरी, शोऐब रहमानी, समी आजाद, मज़हर हुसैन,शहज़ीन इरम, सैय्यद मेराज हसन, मोहम्मद अकबर, मोहम्मद नईम,मोहम्मद सेराज आदि उपस्थित थे। वहीं धन्यवाद ज्ञापन अफरोज़ आलम ने किया।

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