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ATS की बड़ी कार्रवाई : धनबाद में HuT से जुड़े चार आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद एक और नाम आया सामने, 10 साल जेल में रहने के बाद अम्मार याशर ने फिर पकड़ा आतंक का रास्ता

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) को आतंकवाद से जुड़े संगठनों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। ATS को गुप्त सूचना मिली थी कि HuT (हिज्ब-उत-तहरीर), AQIS (अल-कायदा इन इंडियन सबकॉंटिनेंट), ISIS और अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े कुछ लोग झारखंड के युवाओं को गुमराह कर अपने नेटवर्क से जोड़ रहे हैं, साथ ही अवैध हथियारों का कारोबार और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को भी अंजाम दे रहे हैं। इस सूचना के आधार पर दिनांक 26 अप्रैल 2025 को धनबाद जिले के विभिन्न संदिग्ध स्थानों पर एक साथ छापेमारी अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया जिनकी पहचान इस प्रकार है:
गुलफाम हसन
अयान जावेद
मो. शहजाद आलम
शबनम प्रवीण

सभी आरोपी बैंकमोड़ थाना, जिला धनबाद के निवासी हैं। तलाशी के दौरान इनके पास से अवैध आग्नेयास्त्र, कारतूस, कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, और प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और साहित्य बरामद किए गए। ATS रांची में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और 27 अप्रैल को चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


अम्मार याशर का खुलासा और गिरफ्तारी
पूछताछ के दौरान आरोपी अयान जावेद ने एक और नाम उजागर किया अम्मार याशर, उम्र लगभग 33 वर्ष, निवासी शमशेर नगर, थाना भूली ओपी, जिला धनबाद। इसके बाद 30 अप्रैल 2025 को अम्मार याशर को भी गिरफ्तार किया गया। अम्मार के मोबाइल फोन से HuT से संबंधित कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए, जिन्हें विधिसम्मत रूप से जब्त किया गया। पूछताछ में अम्मार ने स्वीकार किया कि वह पूर्व में इंडियन मुजाहिदीन (IM) से भी जुड़ा रहा है, और 2014 में जोधपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वह लगभग 10 वर्षों तक जेल में रहा और मई 2024 में जमानत पर बाहर आया। रिहाई के बाद उसने फिर से पुराने नेटवर्क के साथ संपर्क बनाकर HuT संगठन की गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया।


जांच जारी, ATS सतर्क
फिलहाल ATS की टीमें बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों की तकनीकी और साइबर फोरेंसिक जांच कर रही हैं। गिरफ्तार आरोपियों से देशव्यापी नेटवर्क और वित्तीय लेनदेन के बारे में भी पूछताछ की जा रही है। झारखंड पुलिस और ATS के अनुसार, यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा अत्यंत गंभीर मामला है और अन्य संभावित संदिग्धों की पहचान की प्रक्रिया भी जारी है।