रांची:
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्यसभा प्रत्याशी के तौर पर महुआ माझी का चुनाव किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका एलान किया। गौरतलब है कि महुआ माझी लंबे वक्त से झारखंड मुक्ति मोर्चा में काम करती रही हैं। महुआ माझी ने साल 2019 में रांची विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर चुनाव भी लड़ा था लेकिन बीजेपी के सीपी सिंह से हार गई थीं।
प्रत्याशी घोषित करने पर महुआ माझी की प्रतिक्रिया
द फॉलोअप से फोनलाइन पर बातचीत में महुआ माझी ने कहा कि मैं पार्टी द्वारा ये सम्मान दिए जाने पर मैं गुरुजी (शिबू सोरेन), मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पार्टी कार्यकर्ता तथा राज्य की जनता का शुक्रिया अदा करती हूं कि मुझे ये अहम जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने कहा कि मैंने लंबे समय से पार्टी की सेवा की है। एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के लिए काम किया है। अब पार्टी ने मुझे इसका इनाम दिया है।
झामुमो में और भी कई नामों पर हो रही थी चर्चा
गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से राज्यसभा प्रत्याशी के रूप में कई नाम चर्चा में थे जिसमें सुप्रियो भट्टाचार्य, फागू बेसरा, श्यामल दा का नाम शामिल है। हालांकि, सोमवार को मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि महुआ मांझी राज्यसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी होंगी। इस बीच रविवार को मुख्यमंत्री हेमतं सोरेन ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात को सकारात्मक बताया था और कहा था कि गठबंधन का एक ही प्रत्याशी होगा।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं
बता दें कि महुआ मांझी पेशे से साहित्यकार हैं। झारखंड के अग्रणी साहित्यकारों में महुआ माझी की गिनती होती है। उनको उनकी किताब मैं बोरोसिला के लिए सम्मान भी मिल चुका है। महुआ माझी झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।