रांची
शराब घोटाले के आरोपी योगेंद्र तिवारी से ED की पूछताछ जारी है। आज ED ने इस मामले में एक चौंकाने वाला पर्दाफाश किया है। ED की ओर से कहा गया है कि शराब घोटाले के आरोपी ने देवघर में जमीन हथियाने के लिए अंचल अधिकारी की मदद ली। बता दें कि शराब घोटाले के आरोपी योगेंद्र तिवारी से ED जमीन घोटाला और ट्रासंफर-पोस्टिंग मामलों में भी पूछताछ कर रही है। मिली खबर के मुताबिक, ED ने बताया है कि तिवारी अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग में लिप्त रहा है। इसके जरिये उसने सत्ता और नौकरशाहों तक पहुंच बनायी। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए योगेंद्र तिवारी प्रेम प्रकाश की मदद लिया करता था। प्रेम प्रकाश की पहले से नौकरशाहों तक पहुंच रही है और वो फिलहाल जेल में है। वहीं, तिवारी ने देवघर में अवैध तरीके से जमीन हासिल करने के लिए तत्कालीन सीओ की मदद ली।
इस तरह किया जमीन पर अवैध कब्जा
ED ने कहा है कि देवघर के श्यामगंज में 27.05 हजार वर्ग फीट जमीन तिवारी ने अवैध तरीके से हासिल की। इसमें तत्कालीन सीओ अमर प्रसाद की भूमिका संदिग्ध है। ED को जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि सीओ अमर प्रसाद ने अपने तबादले के बाद जमीन बिक्री की कागजी प्रक्रिया को अंजाम दिया। सीओ ने लैंड पोजेशन प्रमाण पत्र 16 जनवरी 2020 को शाम 5.40 बजे रजिस्ट्रार को मेल पर भेजा था। जबकि सीओ प्रसाद का इससे काफी समय पहले तबादला हो चुका था। सीओ प्रसाद 14 अक्टूबर 2019 को ही अपना पद्भार सीओ अनिल कुमार सिंह को सौंप चुके थे।
मामला यहीं नहीं रुका। इसी प्रमाण पत्र के आधार पर योगेंद्र तिवारी की कंपनी सारण अल्कोहल प्रा लिमिटेड औऱ ब्रज मोहन सिंह को भूमि का निबंधन कर दिया गया। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज किया गया। लेकिन देवघर पुलिस मामले में चुपचाप बैठी रही। इसी के साथ राजबंगला की जमीन पर कब्जा किया गया।
तिवारी से दोबारा पूछताछ कर रही है ED
गौतलब है कि झारखंड शराब घोटाला के आरोपी योगेंद्र तिवारी से ED दोबारा पूछताछ कर रह है। 28 अक्टूबर को अदालत ने इसके लिए ED के आवेदन को स्वीकार करते हुए तिवारी को औऱ 6 दिन रिमांड पर लेने की इजाजत दे दी थी। तिवारी को गत 19 अक्टूबर को ED ने पूछताछ के लिए अरेस्ट किया था। तिवारी पर शराब के अवैध कारोबार के साथ मनी लाउंड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले अदालत ने ED को पूछताछ के लिए तिवारी को 8 दिन के रिमांड पर रखने की इजाजत दी थी।