द फॉलोअप डेस्कः
राज्य में अपराधियों की साजिशों पर लगाम लगाने के लिए इन दिनों झारखंड पुलिस एक्टिव हुई है। हर दिन अलग-अलग जिले के मंडल कारा (जेल) में छापेमारी की जा रही है। बुधवार को गढ़वा उपायुक्त शेखर जमुआर एवं पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में देर रात गढ़वा मंडल कारा के सभी वार्डों में सघन छापेमारी की गई। हालांकि छापेमारी के दौरान मंडल कारा से किसी प्रकार का कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। कुछ कैदियों के पास सिर्फ खैनी-चूना, गुटखा व उनके डेली उपयोग की चीजें ही बरामद हो सकी। डीसी-एसपी छापेमारी की पल-पल की जानकारी ले रहे थे। पुलिस की टीम अलग-अलग टोली में बंटकर मंडल कारा के प्रत्येक बैरक में सघन तलाशी ले रही थी। एसपी ने बताया कि छापेमारी अभियान वरीय अधिकारियों के निर्देश पर चलाया गया था। दरअसल पुलिस यह छापेमारी अभियान इसलिए चला रही है क्योंकि खबर आती रहती है कि जेल के अंदर बैठे दुर्दांत अपराधी जेल के अंदर से ही बाहर की दुनिया में अपना हुकूमत चला रहे हैं। अंदर से ही रंगदारी के लिए लोगों को डरा-धमका रहे हैं। इस कारण पुलिस छापेमारी कर रही कि किसी अपराधी के पास मोबाइल या कोई अन्य दूरभाष यंत्र तो नहीं है।
सीएम की फटकार के बाद कार्रवाई तेज
मालूम हो कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डीजीपी को विधि व्यवस्था को लेकर फटकार लगाई थी और उन्हें अल्टीमेटम दिया था कि 15 दिनों में अपराध पर लगाम लगाइए, वरना पुलिस वाले भी अब बख्शे नहीं जाएंगे। जेल में छापेमारी की सूचना को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था। ताकि इसकी किसी को भी भनक नहीं लगे। छापेमारी के लिए दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया। जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी राज महेश्वरम, अंचल अधिकारी कुमार मयंक भूषण, कार्यपालक दंडाधिकारी अरुणा, कार्यपालक दंडाधिकारी निकिता वाला, बीडीओ नितेश भास्कर और प्रखंड विकास पदाधिकारी फणीश्वर रजवार अलग-अलग सेल में पुलिस पदाधिकारी और सुरक्षा बल के साथ छापेमारी की।
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