रांची:
चारा घोटाला केस में डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई गई है। लालू यादव अब हाईकोर्ट का रुख करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक जमानत की अपील दाखिल करने की प्रक्रिया में तकरीबन 1 महीने से ज्यादा का समय लगेगा। इसका ये मतलब हुआ कि लालू यादव कम से कम 1 महीने बाद ही जेल से बाहर आ सकेंगे। ये भी तब मुमकिन होगा जब लालू प्रसाद यादव मामले में कम से कम ढाई साल तक जेल में रहे हों।
किस आधार पर हाईकोर्ट ने दी जमानत
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव ने अब तक ढाई साल जेल में बिता लिए हैं। इसी आधार पर हाईकोर्ट से उनको जमानत मिली थी। दुमका कोषागार मामले में आरजेडी प्रमुख को 7 साल की सजा हुई थी। हाईकोर्ट में जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसकी रिपोर्ट मांगी थी। हाईकोर्ट ने पूछा था कि लालू प्रसाद यादव कितने दिनों तक जेल में रहे हैं। जब उनकी ओर से जेल में साढ़े 3 साल तक रहना का दस्तावेज पेश किया गया तब कोर्ट ने उनको आधी सजा के आधार पर जमानत दी थी।
चारा घोटाला मामले में जमानत का नियम तय
बता दें कि चारा घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने जमानत के लिए नियम तय किया है। इसके मुताबिक निजली अदालत से सजा की आधी अवधि जेल में रहने के बाद ही जमानत दी जाएगी। लालू यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल के मुताबिक सीबीआई कोर्ट की सत्यापित आदेश की प्रति मिलने के बाद 28 फरवरी तक हाईकोर्ट में एलसीआर (लोअर कोर्ट रिकॉर्ड मंगाया जाएगा। इसके बाद ही जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। इसमें करीब डेढ़ महीने का वक्त लग सकता है।
क्या है चारा घोटाला मामला जिसकी इतनी चर्चा
गौरतलब है कि चारा घोटाला मामला 1990-92 के बीच का मामला है। चाईबासा ट्रेजरी से अधिकारियों और नेताओं ने 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की थी। इस मामले में 1996 में केस दर्ज किया गया था। इस केस में 10 महिलाओं को भी आरोपी बनाया गया था। मामले में लालू यादव सहित कुल 99 आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया है। सजा सुनाई है।