द फॉलोअप डेस्क:
एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया की जगह देश के लिए भारत नाम का इस्तेमाल किए जाने के प्रस्ताव का केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विरोध किया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे संघ परिवार का एजेंडा बताते हुए लोगों से देश में विविधता में एकता की भावना के साथ एकजुट होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान इंडिया और भारत, दोनों नामों को मान्यता देता है।
सीएम विजयन ने बदलाव को बताया संघ का एजेंडा
पिनराई विजयन ने ट्विटर (एक्स) पर लिखा कि हमें इंडिया को भारत नाम से बदलने का एनसीईआरटी का प्रस्ताव मंजूर नहीं है। हमारा संविधान दोनों नामों को मान्यता देता है। उन्होंने कहा कि ये परिवर्तन शैक्षणिक संस्थानों में संघ की विभाजनकारी सांप्रदायिकता को लागू करने का प्रयास प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि यह सभी नागरिकों के एकजुट होने का समय है। भारत की मूल भावना के साथ खड़े होने का समय है। उन्होंने कहा कि हमारा देश दरअसल, विविधता में एकता के सिद्धातों पर निर्मित राष्ट्र है। सीएम विजयन ने कहा कि हमें अपनी विविधतापूर्ण विरासत का जश्न मनाना चाहिए।
The recent proposal by NCERT to replace 'India' with 'Bharat' in textbooks is not acceptable. Our Constitution recognizes both names, and this change appears to be another step in the Sangh Parivar's ongoing effort to impose their divisive communalism in our educational…
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) October 26, 2023
एनसीईआरटी की किताबों में कई बदलावों का प्रस्ताव
बता दें कि बुधवार को यह खबर सामने आई कि एनसीईआरटी की पुस्तकों में देश का नाम इंडिया की जगह भारत पढ़ाया जाए। साथ ही प्राचीन भारत का इतिहास की जगह कल्चरल इतिहास कहा जाए। एनसीईआरटी में न्यूटन की थ्योरी से लेकर विमान के आविष्कार तक के तथ्यों में बदलाव की सिफारिश की गई है। यह अलग-अलग राज्यों ने किया है।
जी20 सम्मेलन के दौरान छिड़ी इंडिया बनाम भारत की बहस
भारत बनाम इंडिया की बहस दरअसल उस समय छिड़ी तब जी20 मीटिंग में राष्ट्रपति द्वारा आयोजित डिनर के लिए जारी आमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया। प्रधानमंत्री के लिए भी प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिखा गया। यही नहीं, जी20 मीटिंग के दौरान नेम प्लेट में पीएम मोदी के सामने भारत ही लिखा था।