द फॉलोअप डेस्क, गिरिडीह:
गिरिडीह में जनसभा को संबोधित करते हुए कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि षड्यंत्र में फंसाकर मेरे पति को जेल भेज दिया गया। मैं पूछना चाहती हूं कि उनका अपराध क्या था? केंद्र से बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये मांगना क्या अपराध था? ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देना क्या अपराध था? झारखंड की कला संस्कृति का संरक्षण करना क्या अपराध था? सरना धर्म कोड की मांग क्या अपराध था? या किसानों का ऋण माफ करना अपराध था? उन्होंने कहा कि विपक्ष की सोच इतनी गंदी है कि उन्होंने इस बात की भी परवाह नहीं की कि एक व्यक्ति राज्यवासियों के कल्याण के लिए काम कर रहा है।
हेमंत जी को जेल में डालकर झारखंडियों का अपमान
कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि उन्हें (हेमंत सोरेन) को झुकाने का प्रयास करना, उनको जेल में डाल देना दरअसल झारखंडियों के स्वाभिमान का अपमान है। उन्होंने हेमंत सोरेन को जेल में नहीं डाला बल्कि आदिवासियों के आत्मसम्मान को जेल में डाला है। इसका करारा जवाब मिलेगा।
गिरिडीह की जनसभा से सक्रिय राजनीति में दस्तक दी
गौरतलब है कि कल्पना सोरेन ने गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम के जरिए सक्रिय राजनीति में दस्तक दी है। इसके पहले उन्होंने गिरिडीह में उसी जगह पर पूजा अर्चना की जहां कभी शिबू सोरेन ने आंदोलन की शुरुआत की थी। इसके पहले रविवार को कल्पना मुर्मू सोरेन होटवार जेल जाकर हेमंत सोरेन से मिलीं और फिर मोरहाबादी स्थित आवास जाकर शिबू सोरेन और सास रूपी सोरेन का आशीर्वाद लिया। कल्पना सोरेन ने ऐलान किया था कि कार्यकर्ताओं के आग्रह पर वह सक्रिय राजनीति में कदम रखने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि, मुझे उम्मीद है कि झारखंड की जनता मुझे वैसे ही आशीर्वाद देगी जैसे पति हेमंत सोरेन को दिया था। गिरिडीह में कल्पना मुर्मू सोरेन विपक्ष पर जमकर गरजीं।