द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी फिलहाल झामुमो के किसी पद पर नहीं है। इसके बावजूद भी वह लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन की ओर से राज्य में सबसे बड़ी स्टार प्रचारक के रूप में उभरकर सामने आई हैं। कल्पना सोरेन ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान 353 छोटी-बड़ी सभाएं कीं। राज्य के लोकसभा क्षेत्रों में उन्होंने कुल 51 बड़ी रैलियों में भाग लिया। इसके अलावा दिल्ली और मुंबई में “इंडिया” गठबंधन की ओर से आयोजित साझा रैलियों में झामुमो का प्रतिनिधित्व किया। रांची में 21 अप्रैल को ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से साझा तौर पर बड़ी रैली हुई और इसके बाद वह राज्य में गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा बन गईं।
कल्पना सोरेन गिरिडीह जिले के गांडेय विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में प्रत्याशी रहीं और इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में छोटी-बड़ी 300 सभाएं और बैठकें कीं। कल्पना जब भी मंच पर भाषण देती हैं तो पूरे मंच का इस्तेमाल करती हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बेनर्जी की तरह पूरे मंच पर घूम-घूमकर वह भाषण देती हैं। सिंपल साड़ी में वह जब स्टेज पर चढ़ती है तो उनके समर्थकों की तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा परिसर गुंजायमान हो जाता है।
बता दें कि कल्पना सोरेन की राजनीति में औपचारिक तौर पर एंट्री 4 मार्च को गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस पर आयोजित रैली के साथ हुई। इसके 12 दिनों के बाद जब लोकसभा चुनाव और झारखंड में गिरिडीह जिले की गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हुआ, तो उन्होंने पार्टी और गठबंधन की ओर से प्रचार अभियान का मोर्चा संभाल लिया।
उन्होंने राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं कीं और एक तरह से ढाई महीने के भीतर राज्य का चप्पा-चप्पा छान डाला। पार्टी की ओर से उन्हें हेलीकॉप्टर मुहैया कराया गया, जिससे वह एक दिन में तीन-चार रैलियों में शामिल होती रहीं। कल्पना सोरेन ने राजमहल लोकसभा सीट से लेकर सभी 14 संसदीय क्षेत्रों में इंडिया अलायंस प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा की