द फॉलोअप डेस्क, रांची:
गिरिडीह में झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का सक्रिय राजनीति में सक्रिय आगाज हो गया। उन्होंने गिरिडीह में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे पति को षड्यंत्र के तहत जेल में भेज दिया गया। वो जो दिल्ली में बैठते हैं, लगता है उनका दिल नहीं धड़कता। दिल्ली में बैठते हैं लेकिन दिल नहीं है। उनके व्यवहार से पता चलता है कि वे दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को कीड़ा-मकौड़ा समझते हैं। झारखंड की चुनी हुई झारखंडी सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया गया। उन्होंने हेमंत जी को जेल तो भेज दिया लेकिन यहां मौजूदा विधायकों, कार्यकर्ताओं और आम समर्थकों का उत्साह देखकर लगता है कि मनोबल नहीं तोड़ पाए। परास्त नहीं कर पाए। हम मजबूती से खड़े हैं।
अपने मनोबल को वोट में बदलकर आशीर्वाद दीजिए
कल्पना सोरेन ने कहा कि आने वाले समय में इस मनोबल और उत्साह को वोट रूपी आशीर्वाद में बदलकर विपक्ष को यकीन दिलाना है कि झारखंड कभी नहीं झुकेगा। झारखंडी कभी नहीं झुकता। कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में किसे जनादेश मिला आप सब जानते हैं। झारखंडी सरकार बनी। जिस दिन से सरकार का गठन हुआ, विपक्ष चाल चलने लगा। इसे गिराने की साजिशें की जाने लगी।
मैं पूछती हूं कि मेरे पति हेमंत सोरेन का अपराध क्या है
कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि षड्यंत्र में फंसाकर मेरे पति को जेल भेज दिया गया। मैं पूछना चाहती हूं कि उनका अपराध क्या था? केंद्र से बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये मांगना क्या अपराध था? ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देना क्या अपराध था? झारखंड की कला संस्कृति का संरक्षण करना क्या अपराध था? सरना धर्म कोड की मांग क्या अपराध था? या किसानों का ऋण माफ करना अपराध था? उन्होंने कहा कि विपक्ष की सोच इतनी गंदी है कि उन्होंने इस बात की भी परवाह नहीं की कि एक व्यक्ति राज्यवासियों के कल्याण के लिए काम कर रहा है।
कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि उन्हें (हेमंत सोरेन) को झुकाने का प्रयास करना, उनको जेल में डाल देना दरअसल झारखंडियों के स्वाभिमान का अपमान है। उन्होंने हेमंत सोरेन को जेल में नहीं डाला बल्कि आदिवासियों के आत्मसम्मान को जेल में डाला है। इसका करारा जवाब मिलेगा।